आत्मसम्मान – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

New Project 39

देख बहु हमारा इंतजार हमारी तपस्या रंग लाई और मेरा बेटा वापिस आ गया। अब तू सब कुछ भूलकर उसे माफ कर दे बेटा, कल्पना जी अपनी बहू सिमी से बोली।  हां सिमी बेटा जिंदगी में खुशियां बार बार दस्तक नही देती, अब इनसे मुंह न मोड़, देख बेटा हम दोनो अब बूढ़े हो चुके … Read more

आंख से गिरना – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

New Project 40

मधु के बेटे की नई -नई शादी हुई थी।शादी का सारा इंतजाम नमिता(,बेटी),ने किया था। निमंत्रण पत्र से लेकर बग्गी,कपड़े, मेकअप,खाना सब नमिता अपनी देखरेख में बनवा रही थी।आखिर उसके इकलौते दो साल बड़े भाई की शादी जो थी।मधु सारा दिन नमिता -नमिता करती रहतीं,और नमिता मिनटों में सब काम निपटा रही थी।घर की पहली … Read more

पछतावे के आसूं – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

New Project 41

अरे श्रीधर देर मत कर, जल्दी से आजा। एक बार लड़का देख ले बहुत अच्छा लड़का है। सुंदर, पैसे वाला, एकलौता और क्या चाहिए। मधुलिका के लिए बहुत अच्छा रहेगा। बुआ जी लड़के की प्रशंसा के पुल बांधे जा रही थी।  ठीक है दीदी मैं घर में बात करके आपको बताता हूं। हां, हां कर … Read more

एहसास के परे – खुशी : Moral Stories in Hindi

New Project 42

नेहा आज सुबह से ही परेशान थी।मालती के आते ही उसे काम बताया और बोली मालती वो पीछे वाले कमरे की अच्छे से सफाई करना और बिस्तर पर नई चादर बिछा देना अलमारी साफ करना अच्छे से मैं दिन मे फोन करूजी तो मुझे सब्जी,फल और घर में कुछ खत्म हो तो बताना ।फिर ऑफिस … Read more

आंखों से गिरना – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

New Project 43

सुरभि बहुत ही सुंदर और आकर्षक लड़की थी, कोई भी उसे एक बार देखता तो देखते ही रह जाता था। दूध सा सफेद रंग, काले लंबे घने बाल, ऊंचा लंबा क़द, बड़ी-बड़ी आंखें, सुरहीदार गर्दन। ऐसा लगता था जैसे बनाने वाले ने उसे बहुत ही फुर्सत से बनाया है।  सुरभि को इस बात का बहुत … Read more

पढ़ी-लिखी बहू – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

New Project 44

‘अरे कहने को तो बहू पढ़ी-लिखी है, परंतु कितनी बार समझाया इसको कि ये तीखे-तेज मसाले मेरा पेट खराब कर देते हैं। छाती में जलन होने लगती है। जीभ जल जाती है, सो अलग। सुलगती-जलती जीभ से खाने के स्वाद का ही पता नहीं चल पाता’ खाना शुरु करते ही  मनोहर बाबू भुनभुनाने लगे थे। … Read more

पछतावे के आंसू – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 45

दुलारी काकी हमारे यहां नई शादी करके आई थी उसी समय से काम कर रही है…होश संभाला तभी से दुलारी काकी को दो बेटियों शीला और सरला के साथ देखा है.. दस साल की शीला और सात साल की सरला स्कूल से आते हीं हमारे यहां पहुंच जाती… भूखी प्यासी… दादी उनके लिए रोटी चावल … Read more

स्नेहसूत्र – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 46

 मायका ! इस नाम का एहसास ही इतना सुखद होता है न कि नाम सुनते ही अधरों पर मुस्कान और दिल में एक उमंग छा जाती है । पर कविता की किस्मत विधाता ने जाने किस कलम से रची थी। उसके  हिस्से में शादी के बाद कभी मायका सुखद एहसास लेकर आया ही नहीं । … Read more

*बबूल का पेड़* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 47

   हैलो-हैलो-मैं कुसुम बोल रही हूं।    हाँ-हाँ, बहन जी मैं रमेश हूं, क्या बात है,आप बड़ी घबराई प्रतीत हो रही हैं?        भाईसाहब आप तुरंत आ जाइये,वीरेंद्र जी को शायद हार्ट अटैक आया है,उन्हें होस्पिटल लेकर जाना है।           रमेश जी तुरंत ही अपनी कार निकाल कर बाहर खड़ी की,और पड़ोस में ही रहने वाले वीरेंद्र जी के … Read more

संयम – कमलेश राणा : Moral Stories in Hindi

New Project 56

राखी का विवाह जिस घर में हुआ वह मॉडर्न विचारों वाले लोग थे उसने तो कभी सोचा भी नहीं था कि उसे ऐसा परिवार मिलेगा।न घूमने- फिरने पर कोई पाबंदी थी और न ही सोने, खाने,पहनने पर कोई रोक थी। उसकी सास कहने से पहले ही उसके लिए सब सामान ला देतीं और यश तो … Read more

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