आत्मसम्मान – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi
देख बहु हमारा इंतजार हमारी तपस्या रंग लाई और मेरा बेटा वापिस आ गया। अब तू सब कुछ भूलकर उसे माफ कर दे बेटा, कल्पना जी अपनी बहू सिमी से बोली। हां सिमी बेटा जिंदगी में खुशियां बार बार दस्तक नही देती, अब इनसे मुंह न मोड़, देख बेटा हम दोनो अब बूढ़े हो चुके … Read more