और प्यार हो गया – रीटा मक्कड़

सुनीता पिछले कुछ दिनों से कुछ अलग सा महसूस कर रही थी।कुछ अजीब सा जो  उसे आज तक नही हुआ। बत्तीस साल की शादी शुदा ज़िन्दगी में आज तक ऐसा कभी महसूस नही किया उसने। अगर कभी दिल मे ऐसा कोई एक तरफा ज्वार उठा भी तो उसने उसको अपने अंदर ही दबा दिया। यही … Read more

प्रेमरूप – वीणा

  बलचनवा गरदन में गमछा लपेटते हुए फगुनिया से बोला, ” फगुनिया तुम अभी तक नाराज हो.. गोइठा पाथती फगुनिया कुछ नही बोलती, हाँ गोइठा पाथते समय फगुनिया की कलाई की चूड़ियां खनखना रही थी, लेकिन फगुनिया का उदास चेहरा छुप नही रहा था। बालचन फिर बोला… तुम ससुराल से आई हो कुछ खाजा टिकरी … Read more

मायका- अनुमित्तल “इंदु”

*मायका *शब्द सुनते ही भावुक हो जाती है हर स्त्री। मायका चाहे छोटे से गांव में हो या बड़े शहर में,हर औरत को ख़ास लगाव होता है।  मुझे याद है मम्मी जब अपने मायके जाती तो नानी मामा मामियाँ सब पलकों पर लिये रहते। कितने कितने दिन मायके में लगाकर आतीं। ढेर सारे उपहार और … Read more

मैं नाराज़ नहीं हूं पापा – सुषमा यादव

एक बेटी के मन के भाव,,जो वो ना कह‌  सकी,, ,, बेटी दिल्ली में अपने पापा के साथ , मेडिकल प्रवेश की काउंसिलिंग में आई थी,, वहीं पर एक लड़के ने उससे बात करते हुए कुछ जानकारी चाही,, उसके पापा ने दूर से देखा और आकर गुस्से से कहा,, कि, ये लड़का तुमसे क्यों बात … Read more

रौनक – कंचन श्रीवास्तव

वर्षों से तड़पती भीतर से टूटी मां को कैसे भी करके पहले जैसे बनाना ही होगा चाहे जो भी हो जाए बहुत हो गया तड़पना रोना परेशान रहना। मैं देखती हूं हर रोज वो तिल तिल होके मर रही हैं मिल बैठकर बात तो करनी ही होगी भले  थोड़ी नोक झोंक  हो  पर हम समझते … Read more

 सौगात – दीपा साहू “”प्रकृति”

इतनी लंबी उम्र गुजर गई और कृष्ण तुम वहां बैठे – बैठे मुस्कुराते रहे और बस देखते रहे।हाँ मानती हूँ तुमने मुझे हमेशा मुसीबतों से बचाया है।पर कभी तुम्हें मेरे अंदर निरन्तर पलते दर्द पर कभी दर्द नहीं होता ? हाँ कृष्ण तुम्हें नहीं होता! तुम बस बाँसुरी बजाते अपनी लीला रचते रहो।क्या मेरे कर्म … Read more

हम दोनों – मुकेश कुमार (अनजान लेखक)

कॉलेज पास करने के बाद जो सबसे बड़ी चुनौती थी वो ये नहीं थी की जिससे बचकाना प्रेम किया उससे शादी होगी या नहीं?(हो जाता है न कॉलेज में, वो फ़िल्मी वाला प्यार, हिरो और हिरोईन प्यार किए, फिर घरवालों ने शादी करा दी… कहानी ख़त्म) बल्कि चुनौती थी तो बस ये की छोटे शहर … Read more

दिल का रिश्ता – उमा वर्मा

पता नहीं था कि वह अचानक  यूँ मिल जायेगा ।फेसबुक टटोलते अचानक फ्रेंड रिक्वेस्ट में आ गया वह ।और फिर हाय, हैलो से हमारी बात का सिलसिला शुरू हो गया ।वाट्स एप के जरिए ।मैं भी तो बचपन से लेकर कालेज के दिनों में जीने लगी थी ।वह हमारे सामने के मकान में रहता था … Read more

हमारी अनोखी मित्रता – पायल माहेश्वरी

  हर साल जब मायके जाने की आती हैं बारी मन में खिल जाती नवीन खुशियों की फुलवारी !!   मायके का लगाव उम्र के किसी भी पड़ाव पर कम नहीं होता हैं और  बचपन की अनगिनत अच्छी बुरी यादें मायके में जाकर फिर जीवन्त हो उठती हैं।      इस साल भी जब मायके जाने … Read more

 अभिमान – गोविंद गुप्ता

रूपेश और राज घनिष्ठ मित्र थे बचपन से साथ ही पढ़े और विश्वविद्यालय की पढ़ाई तक साथ ही रहे,तभी एक सरकारी कम्पनी के एक बड़े पद हेतु आवेदन अखबारो में छपा तो दोनो ने फार्म भर दिया पर बताया नही एक दूसरे को इण्टव्यू पर दोनो ऑफिस में मिले, तो आश्चर्य हुआ राज बोला मैंने … Read more

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