” श्रेया फिर चीख पडी ” – उमा वर्मा

#चित्रकथा श्रेया अब बडी  हो गई है ।वह शादी शुदा है और एक अच्छी और सुखी जीवन बिता रही है ।लेकिन बीता हुआ कल आज भी उसका पीछा नहीं छोड़ता ।कुछ साल पहले की ही तो बात है जब—– ” क्या हुआ बेटा ” क्यो चीख रही थी तुम ” कोई बुरा सपना देखा क्या? … Read more

वादा – प्रीति आनंद

“आँटी जी, आप हमें कबसे पढ़ाना शुरू करेंगी?” नन्ही-सी लक्ष्मी का सवाल सुन सुमन चौंक गई। अतीत के अंधकार में जी रही सुमन को मानो उस छोटी बच्ची ने वर्तमान में घसीट लिया हो! कोठियों पर काम करने वाली महिलाओं के बच्चों को वह काफ़ी सालों से घर पर पढ़ा रही थी परंतु पति के … Read more

अनमोल तोफा – पुष्पा पाण्डेय

मुस्कान और खुशी दोनों बहनें अपने पापा की धड़कने थीं। माँ की मौत के बाद पापा ने ही तो माँ-बाप दोनों बनकर अपनी बच्चियों की परवरिश की। मुस्कान शायद अपनी माँ को याद करती हो, पर खुशी के लिए तो माँ भी और पापा भी दोनों एक ही थे। तब खुशी छे साल की रही … Read more

अनुत्तरित प्रश्न…!! – विनोद सिन्हा “सुदामा”

सच कहूँ तो पितृ दिवस क्या होता है..कभी जाना और महसूस ही नहीं किया मैने….. एक अरसा हुआ आपको मुझे और हम सभी को यूँ अकेला छोड़ कर गए हुए..तब से लेकर आज तक जाने कितने पल आएं और कितने गएं,ना जाने कितने ही रंग शामिल हुए जीवन में मेरे..लेकिन उस दिन के बाद मेरे … Read more

आखिरी बार – कंचन श्रीवास्तव

सुबह के चार बजे थे जब रेखा की आंख बुरे स्वप्न के कारण खुली  , देखती भी क्यों ना आज साल भर होने को आया अस्पताल से घर और घर से अस्पताल की होके रह गई है।सब कुछ अस्त व्यस्त हो गया है ना समय से खाना ना पीना और न होना, बिल्कुल अनियमित दिनचर्या … Read more

परफेक्ट कपल – बेला पुनेवाला

 दोस्तों, आज मैं आपको नाहीं कोई कहानी सुनाऊँगी और नाहीं किसी की बात। आज आप जो पढ़नेवाले है, वो है शायद हमारे सब के जीवन की सच्चाई। जहाँ दो दिल मिलते है, प्यार करते है, एक दूसरे से उम्रभर साथ निभाने का वादा करते है, फिर ज़िंदगी शुरू होती है, ज़िम्मेदारियाँ बढ़ने लगती है, कई … Read more

पापा आप बहुत याद आते हो – अर्चना गुप्ता

जिनका हाथ पकड़ कर नींद आती थी , सोचा ना था की हालात ऐसे होंगे …..कि आख़िरी बार उनका हाथ भी ना पकड़ पाऊँगी ….. अपने जीवन में ये शर्मिंदगी मुझे हमेशा महसूस होगी…,..काश जब मैं छोटी थी तो अपने पापा से अक्सर कहा करती थी “पापा मैं थक गयी मुझे गोदी उठा लो ना … Read more

“गुस्सैल पापा” – गरिमा जैन

#पितृदिवस दरवाजे पर कॉल बेल बजती  है मम्मी : देखो बेटा पापा आ गए, दरवाजा खोलो । बेटा : जी मम्मी । पापा : इतनी गर्मी है, कितनी देर लगती है दरवाजा खोलने में! जा पानी लेकर आ । बेटा : मम्मी ,पापा पानी मांग रहे हैं, आप दे दो, मैं दूसरे रूम में जा … Read more

चिठ्ठी ना कोई संदेश – गुरविन्दर टूटेजा

#मन के भाव  नीतू का जन्मदिन था आज खुशी से फूली नही समा रही थी..सुबह से तैयारी में लग गयी थी सबको बुलाने गयी..स्कूल में टॉफ़ियाँ बाँटी..और फिर मम्मी के पीछे लग गयी कि क्या-क्या बनाओगे….केक कौन लायेगा पापा तो बुआ के घर गये थे..तो मम्मी ने कहा ताऊजी केक ले आयेंगे..वो तो ठीक है … Read more

मेरा बैकुंठ गमन – अनुज सारस्वत

आयु 70 वर्ष की हो चुकी थी मैं अपने कंप्यूटर बैठे काम कर रहा था अपने सीक्रेट प्रोजेक्ट पर ,पीछे से धर्म पत्नी ने आवाज लगाई “अरे कहां हो फिर बैठ गए कंप्यूटर पर आपको चैन नहीं है इस उम्र में भी साॅफ्टवेयर इंजीनियर का कीड़ा अब भी है आपके अंदर ,कितने सॉफ्टवेयर बनाओगे और … Read more

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