तेरा मुझसे है पहले का नाता कोई

कुछ ही दिन पहले मैं शादी करके दिल्ली आई थी. मेरा ससुराल दिल्ली में ही था मेरे पति का चांदनी चौक, दिल्ली मे दुकान था। मै शुरू से भगवान मे बहुत विश्वास करती हूं और बचपन से ही मैं सुबह नहाकर जब तक मंदिर में पूजा ना कर लूं।  मैं अपने पेट में एक अन्न … Read more

उधार के रिश्ते

रूबी 5 साल की थी तभी से उसके सर से बाप का साया हट गया था उसके बाद रूबी की मां अपने मायके में ही रहती थी।  रूबी को यह पता नहीं था कि उसके पापा आखिर कहां चले गए, वह हमेशा अपने नानी से और अपनी मां से इस बारे में पूछती थी लेकिन … Read more

कभी सौतन कभी सहेली

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लक्ष्मी की सास को अपने बहू की कोख से सबसे पहले बेटा चाहिए था लेकिन बेटे की चाह मे लक्ष्मी 4 लड़कियों को जन्म दे चुकी थी। पांचवी बार लक्ष्मी माँ नहीं बनना चाहती थी, इस महंगाई के जमाने में चार लड़कियों का पालन-पोषण करना ही बड़ी बात है। लेकिन उसने मन बना लिया था … Read more

मायके की ललक

रागिनी का जन्म एक संयुक्त परिवार में हुआ था। रागिनी के पापा के चारों भाई दादा-दादी सब साथ ही रहते थे। संयुक्त परिवार में होने के कारण रागिनी, रिश्तो की कद्र करना जानती थी और वह खुद भी एक बेहद समझदार और जिम्मेदार लड़की थी। जब रागिनी कॉलेज में थी तभी उसकी शादी प्रकाश से … Read more

ससुराल की नौकरानी-Mukesh Kumar

डिनर बनाने का समय हो गया था नेहा ने  सोचा कि सब से पूछ लेती हूं कि सब लोग क्या क्या डिनर में खाएंगे। सबसे पहले उसने अपनी सास से पूछा, “मम्मी जी आज खाने में क्या बनाऊँ.  नेहा की सास सविता जी ने कहा, “मुझे तो आज राजमा चावल खाने का मन कर रहा … Read more

बीमार हूँ लाचार नहीं-मुकेश कुमार

प्रताप जी का दिल्ली में शर्ट की अपनी खुद की फैक्ट्री थी। गांधीनगर के होलसेल बाजार में उनकी खुद की अपनी दुकान भी थी उनके तीनों बेटे मिलकर दुकान को संभालते थे।  प्रताप जी पैसे की कमी की वजह से स्वयं तो पढ़ाई नहीं कर पाए थे क्योंकि वह खुद एक गरीब परिवार से आते … Read more

पलकों की छांव में

साहिल बंगलोर की कंपनी में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था छोटा सा परिवार था पत्नी, एक बेटा,एक बेटी  और उसके पापा, मां बचपन में ही गुजर गई थी एक बहन थी तो वह शादीशुदा थी।   साहिल के पापा स्कूल शिक्षक थे जब तक नौकरी में थे तब तक तो वह गांव में ही रहते थे … Read more

सौतेली सही पर सगी बहन से कम नहीं हूँ-मुकेश कुमार

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निशा अपनी बड़ी बहन गीता से कह रही थी “दीदी जल्दी से ब्यूटी  पार्लर चलो लड़के वालो ने 4:00 बजे तक टाइम दिया है घर पर तुम्हें देखने आने के लिए फिर पार्लर में भी तो टाइम लगता है.”  दरअसल बात यह है कि आज गीता को लड़के वाले देखने आ रहे थे गीता और … Read more

माँ अब मैं पराई नहीं होना चाहती – मुकेश पटेल

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सीमा जी के बड़े बेटे सुमित की शादी 10 दिसंबर को थी और आज 8 दिसंबर हो चुका था बस शादी में सिर्फ 2 दिन ही बचे थे, मेहमानों का घर में आना शुरू हो चुका था।  वैसे तो यह शादी लव मैरिज थी, लेकिन इस शादी में दोनों के घरवालों की रजामंदी भी थी। … Read more

अफ़सर बिटिया – मुकेश कुमार

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अरे वो  दिव्या सुनाई नहीं दे रहा है क्या? तुम्हारे बाबूजी कब से घर पर आए हुए हैं उनके लिए पानी तो लेकर आ, दिव्या ने छत से आवाज़ लगाई जी नई माँ आ रही हूं। दरअसल  दिव्या की माँ का देहांत बचपन में ही हो गया था, घर में देखभाल करने वाला कोई नहीं … Read more

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