फूल – विनय कुमार मिश्रा
तेरह चौदह साल की वो बच्ची लोगों के घरों में,पूजा के लिए फूल दे जाती है। अपने बाप का हाथ बंटाती और स्कूल जाती है। मुझसे थोड़ा लगाव सा हो गया है “तू कल फूल क्यूँ नही दे गई? मैं दस बजे तक तेरा इंतजार करती रही” “बापू बीमार हैं ना,अस्पताल लेकर गई थी कल। … Read more