एक भूल -सुनीता मिश्रा

लम्बे केश,छरहरी काया,बड़ी बड़ी बोलती आँखे, हँसता चेहरा और रंग ,सुबह निकली सूरज की   किरणों सा।ऐसा छन्नो का रूप।लगता मानो राजा रवि वर्मा की पेंटिंग शकुन्तला प्रगट मे सामने आ गई हो । आज तो अलग ही निखार था  सुबह सुबह जब दूध की डोलची ले हमारे घर आई।माँ को आवाज दी– “भाभी ,दूध … Read more

जीवन की सँध्या बेला-सीमा वर्मा

” बवँडर ” यानी मृगतृष्णा का नाच आप सबने देखा होगा ? । मेरी अम्मा कहती थीं वह गर्मी की दुपहरिया में नाचती है और नाचते – नाचते सामने जो आता है उसे दो फाड़ कर देती है ठीक वैसे ही जैसे मेरी अम्मा और पिताजी हो गए ।              आज उस दुष्ट लड़के सुरेश ने … Read more

पराई बेटियां – आरती रॉय

पिताजी के गुजर जाने के बाद सोनम कब पापा की जगह ले ली उसे पता ही नहीं चला । खुबसूरती खुद्दारी में बदल गई , दो दो भाईयों की पढ़ाई लिखाई की जिम्मेदारी ,ओवरटाइम करते करते पैसा कमाने में मशीन बन गई । माँ भी पापा के जाने के बाद , जैसे जिंदगी का जुआ … Read more

नन्ही शबरी -मीनाक्षी चौहान

घर में आज पूजा है। माँ जी ने प्रसाद बनाने का जिम्मा मुझे सौंप दिया। खुद की तबियत ठीक नहीं है। हाथ नहीं लगा सकतीं इसलिए। जुटी हुई हैं कामवाली दीदी के साथ, लोगों के आने से पहले इधर सजाने उधर समेटने में। और ये कामवाली दीदी भी ना……इतना काम फैला है आज और ये … Read more

लुटेरा कहीं का -मीनाक्षी चौहान

दो घन्टे के सफ़र में चार घन्टे लगा दिए, खटारा बस ने। पत्नी और बच्चों के साथ उनकी मौसी के घर से वापस आ रहा था। अपने शहर पहुँचते-पहुँचते रात के ग्यारह बज गए। दोनों बच्चे भूखे और निंदियासे हो रहे थे। एक बड़ा सा रेस्टोरेंट दिखा भी पर उनमें जाने की इजाजत जेब ने … Read more

मैं भी तो उसकी माँ हूँ -नीरजा कृष्णा

“मम्मी जी, मैं जाऊँ क्या? वहाँ प्रोग्राम शुरू होने वाला है। दो बार फ़ोन आ चुका है।” “अरे हाँ बेटा! मैं तो भूल ही गई थी। ड्राइवर आया या नहीं?” “जी मम्मी, वो आ गया है।” माधवी जी की परम मित्र सुलेखा जी उन सबसे मिलने आई हुई थीं। वो इन सास बहू की बातचीत … Read more

स्वार्थ या प्रेम- एक सबक Blog post by Govind Gupta

अचानक तालियों के शोर से सभागार गूंजने लगा पैदल जाते हुये कुछ लगा कि देखे क्या हो रहा है मैं भी हाल में चला गया हम समझे कि कोई नेता का स्वागत हो रहा होगा पर यह क्या एक युवा सुंदर लड़की की शादी एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति से हो रही थी,थोड़ी उत्सुकता और … Read more

माँ जी आपकी जगह बेडरूम मे नहीं स्टोररूम मे है – Blog post by Anshita Maheshvari

मोनिका और रवि के लिए आज बहुत ही खुशी का मौका था, क्योंकि उन दोनों की मिली जुली मेहनत का नतीजा मुंबई जैसे महानगर में उनका अपना मकान उसका  मुहूर्त होने वाला था।  मोनिका खुशी में पागल हुए जा रही थी।  वह बार-बार रवि से कह रही थी- यह सब कुछ सपने की तरह लग … Read more

एक बेटी की कहानी, उसकी जुबानी | Blog By Sushma Yadav

*** है कहानी बहुत पुरानी,, एक लड़की की ज़िन्दगी की संघर्ष भरी कहानी,, उसके पढ़ने के प्रति उसकी जुनून की कहानी,,शायद आपको भी पसंद आए ये कहानी,,    तो सुनिए,,उसी की जुबानी,, **************** मैंने जब से होश संभाला, अपने को नागपुर में नानाजी के यहां पाया,, मां ने कहा, कि तुम्हारे बाबूजी का ट्रान्सफर बार बार … Read more

आखिर सास भी तो मां ही है – Blog post by Sangeeta aggarwal

” क्या बात है नंदिनी बेटा थकी थकी लग रही हो ?” नंदिनी की सास मालती जी ने उससे पूछा। ” वो बस मम्मीजी थोड़ा सिर दर्द कर रहा है !” चाय का पानी चढ़ाती नंदिनी बोली। ” दिखाओ तो …अरे तुम्हे तो बुखार है तुमने बताया क्यों नही मुझे चलो तुम अभी अपने कमरे … Read more

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