कभी ख़ुशी कभी ग़म –   बेला पुनिवाला 

 आज कल सभी बच्चों के सिर पे जैसे एक ही भूत सवार है, विदेश जाके पढ़ने और पैसे कमाने का। रवि की ममा रवि को सुनते हुए अपने आप से ही जैसे बातें कर रही थी मगर रवि के पापा और रवि समझ गए थे, कि रवि की माँ कुसुम किस के बारे में बात … Read more

भाई-भाई *-  पुष्पा जोशी

विषय #अपने_तो_अपने_होते_हैं आचार्य चिन्मय जी और मालिनी जी का परिवार एक आदर्श परिवार था.समाज और मौहल्लै में उनकी अच्छी साख थी. चिन्मय जी संस्कृत के प्रकाण्ड पंडित थे.हवन पूजन, वैवाहिक कार्यक्रम के सभी विधान, कथा वार्ता सभी में उन्हें महारत हांसिल था, उन्हें ज्योतिष विद्या का भी ज्ञान था, सब लोग अपनी छोटी बड़ी उलझन … Read more

बचपन के गली मुहल्ले वाले दोस्त अपने से लगते हैं…–  सुल्ताना खातून

आज जब दुनिया के रंगीनियों से अलग थलग होकर एक घर में कैद हुई हूं, तो दोस्त बड़े याद आते हैं… बचपन के गली मोहल्ले वाले दोस्त… स्कूल के दोस्त…. कॉलेज के दोस्त… ऑफिस के दोस्त। दरअसल दोस्तों की भी कैटेगरी होती है ना! स्कूल गए, गली मुहल्ले की दोस्ती छूटी! कॉलेज गए, स्कूल की … Read more

अब”बुरी बहू” के टैग से फ़र्क नहीं पड़ेगा !!- -मीनू झा

वह कभी हिम्मत हारने पर विश्वास नहीं रखती थी..तभी तो सारे एक तरफ वो अकेली एक तरफ और लगातार सफाई देती ही रही और अपने आपको सही सिद्ध करने के लिए लड़ती ही रहती…पर आज डाॅक्टर ने जो कहा उससे वो हिल गई…   मिसेज वर्मा…जितनी जल्दी जल्दी आपको शुगर, ब्लड प्रेशर और थायराइड हुआ … Read more

पुल और दीवा – नीलम सौरभ

“माँ! वन्या भाभी तो आपकी पसन्द से आयी थीं न बड़े भइया की ज़िंदगी में, हमारे घर में। …फिर भी कभी आपको उनकी तारीफ़ करते नहीं सुना। …जबकि नित्या भाभी को तो आपने देखा भी नहीं था, शुरू में छोटे भइया का यूँ ख़ुद ही लड़की पसन्द कर लेना बहुत खलता भी था।…फिर ऐसा क्या … Read more

“सलोनी एक रिश्ता अपना सा” -अनीता चेची

आज मैंने गृह प्रवेश में अनेक मेहमानों को बुलाया। चारों और खुशी और आनंद का वातावरण, मै भी  फूली नहीं समा रही थी, तरह तरह के पकवान बनाए गए। घर में हवन  रखा गया , एक मेहमान ऐसा भी था जो बिन बुलाए आया और घर  के दरवाजे के बाहर ही बैठा रहा। जो सभी … Read more

दिल है छोटा सा छोटी सी आशा–के कामेश्वरी

ओमप्रकाश के घर से आधी रात को किसी के ज़ोर ज़ोर से रोने की आवाज़ आई । जिसे सुनकर आसपास के घरों की लाइटें जल गई ।सब उनके घर की तरफ़ देखने के लिए भागे कि क्या हो गया है । वहाँ पहुँच कर पता चला कि ओमप्रकाश के घर फिर से लड़की का जन्म … Read more

बड़की अम्मा-  भगवती सक्सेना गौड़

रजनी अपनी ताईजी के गले मे हाथ डाले झूल रही थी और बोल रही थी, “सुनो बड़की अम्मा वो गाना सुनाओ न तुम बहुत बढ़िया गाती हो, वो क्या है, अबके बरस भेज…”   “नही रे, बहुत काम पड़ा है, इतने दिनों बाद तो तू मेरे पास आई है, वरना, जमाई बाबू कहाँ छोड़ते हैं … Read more

“हाई प्रोफाइल के चक्कर में ना आना”-अनिता गुप्ता

लतिका अपने कमरे में इधर से उधर टहल रही थी।उसका मन किसी अनहोनी की आशंका से बैचेन था। रह –रह कर कभी फोन को देखती तो कभी बाहर गेट की तरफ देखती। उसको मोहित का इंतजार था, जिसका कहीं अता पता नहीं था।   लतिका की ऑनलाइन मैरिज ब्यूरो साइट से मोहित के साथ शादी … Read more

अपने तो अपने होते हैं..….….. – भाविनी केतन उपाध्याय 

  ” किस के फोन की घंटी बार बार बज रही है मैं आप से पूछ रही हूॅं…” सरिता ने अपने पति मनीष से कहा।   ” किसी का भी नहीं….” कहते हुए मनीष फोन बेड पर रख वॉशरूम में गया। तभी फिर से फोन की घंटी बजी, सरिता ने नाम में देखा कि उसके … Read more

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