बेअसरदार मॉर्निंग वॉक – संजय मृदुल

“अनुज भाई बड़े दिनों बाद दिखाई दिए?” मनोज ने तपाक से हाथ मिलाते हुए कहा। “क्या बात है बड़े स्लिम हो गए हो!” अनुज ने थोड़ा हैरत से देखते हुए प्रश्न किया। “हां यार! मॉर्निंग वॉक का असर है। आजकल रेगुलर जाते हैं ना।” “अच्छा! रोज तो हम भी जाया करते थे उस्ताद पर ऐसा … Read more

ससुराल के नियम – डॉ. पारुल अग्रवाल

सिया प्यारी सी जिंदगी से भरपूर सबका मन मोहने वाली लड़की थी। उसके बुआ के बेटे को शादी थी, जिसमें वो अपने मम्मी पापा के साथ आई हुई थी। आते ही उसने अपनी बुआ के घर सारे काम संभाल लिए थे। इधर उधर घूमकर वो हर किसी की एक आवाज़ पर उनको कभी चाय तो … Read more

“मां का सम्मान….. – प्रभात सिंह 

एक मध्यम वर्गीय परिवार के एक लड़के ने 10वीं की परीक्षा में 90% अंक प्राप्त किए …. पिता ने जब मार्कशीट देखकर खुशी-खुशी अपनी पत्नी को कहा ….सुनो…. आज खीर या मीठा दलिया बना लो स्कूल की परीक्षा मे हमारे लाड़ले को 90% अंक मिले है ..   मां किचन से दौड़ती हुई आई और … Read more

मर्यादा – मीनाक्षी सिंह 

रवि – काजल तुम समझती क्यूँ नहीं ,,तुम्हे तुम्हारे घर वाले बिल्कुल प्यार नहीं करते ,,वो हमारे रिश्ते के लिए कभी राजी नहीं होंगे !  काजल – रवि ,,तुम्हे तो पता ही हैं बचपन में मुझे जन्म देते ही मेरी माँ खत्म हो गयी,,पिताजी ने पालपोष कर दस साल का किया ,,तब उन्हे कैंसर हो … Read more

झन्नाटेदार थप्पड़ – प्रियंका पाठक

 शशांक ने मां से कहा-“सौरभ की बहू को समझा दो कि अपने शरीर को अच्छी तरह से ढंक कर निकला करे। जवान और खुला शरीर बूढ़ी आंखों में भी गलत भावना भर देता है।” इतना कहकर शशांक बाहर चला गया, परंतु मां का चेहरा तन गया। उसने तिरछी निगाहों से स्नेहा की ओर देखा जो … Read more

हमारी अधूरी कहानी – आरती झा आद्या

नियति भोर में खिड़की पर खड़ी बिखरी ओस की बूँदें अपनी आँखों में समेट रही थी और सोच रही थी कि कल जिसे उसने मॉल में देखा, क्या वो विवेक ही था। सारी यादें चलचित्र की भाँति उसके सामने आ रही थी। क्या दिन थे वो भी, जब मिली थी विवेक से पहली बार। उसके … Read more

बेघर – विनय कुमार मिश्रा

यहां मत जाओ, वहां मत जाओ, इतनी देर क्यों कर दी! “उफ्फ” हर बात में रोक टोक, हर बात में नाराजगी। मैं भी गुस्से से खाना छोड़, घर से बाहर एक पार्क की तरफ बढ़ गया। मम्मी के लगातार फोन से परेशान होकर, मैंने अपना मोबाइल फोन ही स्विच ऑफ कर दिया। पार्क के गेट … Read more

मर्यादा के नाम पर…. संगीता त्रिपाठी

 लल्ला को जी भर कर कूटने के बाद भी पिता रामप्रसाद का जी नहीं भरा, पैरों से धकेल एक घूँसा और जड़ दिया। बचाने आई पत्नी और बड़ी बेटी तन्वी को भी कई हाथ पड़ गये। लल्ला के आँसू सूख गये, आखिर किस बात पर पिता ने उसे मारा, क्या कसूर था उसका। क्या बहन … Read more

इज्जत और मर्यादा के नाम पर बेटियों की बलि कब तक दी जाएगी ? – संगीता अग्रवाल 

“पता नही हमारी बच्ची कैसी होगी कई दिन से फोन भी नही आया उसका मैने मिलाया तो उठा नही !” सुगंधा जी पति राघव जी से बोली। ” अरे व्यस्त होगी तुम भी ना बेवजह चिंता करती हो !” राघव जी बोले। ” रुको मम्मी मैं मिलाता हूँ दीदी को कॉल !” तभी बेटा रिजुल … Read more

सच्चा प्रेम – प्रेम बजाज

“एक्सक्यूज़ मी “,.  … आशा के पीछे से आवाज़ आती है , जैसे ही आशा मुड़कर देखती है तो हैरान हो जाती है , “अरे आप निलेश जी हैं ना, फेमस कार्टुनिष्ट “   “जी और आप आशा वोहरा जी मशहूर लेखिका , मैं कब से आप को देख रहा था  पहचानने की कोशिश कर रहा … Read more

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