नमक मिर्च लगाना – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

New Project 37

“ताईजी आयी नहीं अब तक?” माधवी ने  राघवी को पुछा। ” उनके बिना बातों का सिलसिला आगे ही नहीं बढता।” ” कितनी चटपटी, मसालेदार खबरें होती हैं उनके पास।” ” लो, नाम लिया और….ताईजी आ गयी।” रूपाली ने कहा तो सबके हँसी ठहाकों ने उनका स्वागत किया। ताईजी को सब ‘ऑल इंडिया रेडिओ’ कहते थे। … Read more

स्वार्थी संसार – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 38

कल तक अम्मा बाबा बुलाने वाले लोग अब उन्हें बूढ़ा, बुढ़िया कहकर बुलाते थे। जो लोग एकदूसरे से पहले खाना लेकर पहुंच जाते थे आज उन्हें पीनी पिलाने की गुहार भी लगाते तो कोई न कोई बहाना मारकर निकल जाते देखते ही देखते दोनों की जिंदगी जानवरों से बदतर हो गई। इसके पीछे बजह था … Read more

औलाद के मोह के कारण वो सब सह गई। – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi

New Project 39

  मदन एक छोटा-मोटा किसान था। उस शहर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर उसका गांव था। उसके पास थोड़ी सी जमीन थी, उसमें खेती बाड़ी का काम करता था। इसके साथ ही उसको चार-पाँच  गायें भी थी।जिसका दूध वह बेचता था। उससे भी कुछ आय हो जाती थी।    उसके दो पुत्र रविंद्र और संतोष … Read more

घर आना! – पुष्पा श्रीवास्तव ‘शैली’ : Moral Stories in Hindi

New Project 40

आँखों के आंसू बहकर गालों पर सूख चुके थे, बस की खिड़की से हौले हौले आती हवा के झोकों ने झपकी लेने पर मजबूर कर दिया. अचानक से मोनी को अर्जुन दा की तबियत ख़राब होने की सूचना मिली! मोनी से रहा न गया! मन में अंजाना डर बिठाये पति रोहित और बेटे आदि को … Read more

औलाद के मोह के कारण वो सब कुछ सह गई – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 41

उफ्फ सुबह सुबह भाई ने ये बुरी खबर दी… दुर्गा चाची एक महीने से सदर अस्पताल में भर्ती थी… आज सुबह चार बजे उनका देहांत हो गया… मैं दुःखी हो गई… चाय का कप किचेन में रखकर बालकनी में आकर बैठ गई… तभी मां का फोन आया… बिट्टी मन दुःखी मत करो… दुर्गा बहन जी … Read more

हरा साग – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 41

आज पिताजी थोड़ी  देर से आए थे.. मां ने आते ही उनसे कहा.. सुनोजी .. हाथ की पानी की रोटी बनाये  रही हूं .. जल्दी से हाथ मुंह धो कर पटले पर बैठ जाओ… लगा देती  हूं… शायद मां ने भी पिता के चेहरे पर आई हुई शिकन और थकान नहीं देखी थी… पिताजी कुछ … Read more

प्रवासी पंछी – प्रतिभा परांजपे : Moral Stories in Hindi

New Project 42

सुरेशजी बैंक का काम निपटाकर घर आये। पत्नी माया ने कहा” सुनो आपके नाम एक लिफाफा आया है।” “देखूं किसका है।” एयरमेल है। भेजने वाले के नाम पर मनीष का नाम देख वह चौंक गए!  पत्र लिखने की क्या सुझी ?एक दो दिन आड़े तो फोन पर बातचीत हो जाती है। और छुट्टी के दिन … Read more

हूक – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

New Project 43

जहां से स्कूली शिक्षा समाप्त होती है बच्चे अपने कैरियर का चुनाव करते है वहां तक पहुंचने की ज़द्दो-ज़हद आज कई वर्षो से चल रही थी । हर बार कुछ न कुछ कमी रह ही जाती कभी रिटेन खराब हो जाता तो कभी डेमो और कभी इंटरव्यू पर रीमा ने हार नही मानी। उसे अच्छे … Read more

औलाद का मोह! – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

New Project 44

सुष्मिता प्राइवेट कंपनी में मैनेजर थी और 1 साल पहले ही उसकी शादी हुई थी। शादी के 1 साल बाद ही —–सुष्मिता के एक प्यारा सा बेटा आशु होता है घर में खुशियां ही खुशियां आ जाती हैं सभी लोग बहुत खुश होते हैं!—– सुष्मिता और समर प्यारे से बेटे को पाकर बहुत खुश होते … Read more

औलाद के मोह के कारण वह सब सह गई! – विजय लक्ष्मी अवस्थी : Moral Stories in Hindi

New Project 45

रजनी बैठी सोच रही थी, की क्या से क्या हो गया! जब शादी हुई तो खुशी से दिल उछलने लगा, और जब ससुराल में कदम रखा! मैं सबको खुश रखूंगी, और तन मन धन से पति के साथ मिलकर सारी जिम्मेदारी पूरी करूंगी! समय बिता दो बच्चों को जन्म देकर उनका पालन पोषण करने लगी … Read more

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