मै एक कहानी “बेबसी” – रीमा ठाकुर
आज उर्मि की सांसे थम थम कर चल रही थी! अतिंम बार उसने हिमम्त कर पलट कर देखने की कोशिश की “ सब ओर खून ही खून बिखरा पड़ा था! उसने उठने की कोशिश की, पर उठ न पायी “ मेरा श्रेष्ठ, उसने फिर से नजरें घुमायी “ कुछ दूरी पर आठ महिने का बच्चा … Read more