जोरू का गुलाम

रामलाल तुम अपनी बीबी से इतना क्यों डरते हो?’’मैने अपने घरेलू नौकर से पूछा।। ’’मै डरता नही मैडम उसकी कद्र करता हूँ उसका सम्मान करता हूँ।’’उसने जबाव दिया। मैं हंसी और बोली-’’ ऐसा कया है उसमें। ना सूरत ना पढी लिखी।’’ जबाव मिला-’’ कोई फर्क नही पडता मैडम कि वो कैसी है पर मुझे सबसे … Read more

सासु मां ने दिया मुझे प्यारा पिया-सुधा जैन

सुनंदा बहुत ही सुलझी हुई, समझदार और उदारवादी दृष्टिकोण की महिला है। बचपन से ही घर के संस्कार ,अपनी मां का ममता पूर्ण प्यारा व्यवहार, अपने पिताजी की सादगी सरलता, और भावुकता उसके  हृदय में रच बस गई है। अपनी उत्तम शिक्षा के कारण वह विद्यालय में शिक्षिका है। मन में सपनों का संसार बसाए … Read more

कुशन-सुमि जैन

शाम के चार बजे है किससे बात करूं। मां और भाभी से कल बात करी थी । दीदी से परसो बात करी थी । समय काटे नही कटता है । अब बिलकुल मन नही लगता है । बच्चे छोटे थे तो मन करता था , किसी तरह दस मिनट मिल जाए अपने लिए। मै हर … Read more

महारानी

प्रशांत एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता था । मधु से उसकी शादी तय हो गई थी ।वह भी टी सी एस में काम करती थी । घर की बड़ी लड़की थी । उसकी एक बहन और एक भाई था । कुछ ही दिनों में दोनों का विवाह हो गया । प्रशांत का हाथ पकडकर … Read more

मायके का बेटा – मुकेश कुमार

मैं बाथरूम से जैसे ही नहा कर निकली मेरी पड़ोसन शीला ने दरवाजा खटखटाया।   दरवाजा खोलते ही मैंने बोला अंदर आओ, कैसी हो और क्या हाल है। तभी शीला ने कहा मैडम हाल-चाल बाद में पूछना पहले यह बताओ तुम्हारा फोन कहां है तुम्हारे मिस्टर ने हमें फोन किया है यह लो बात करो। … Read more

तुम देना साथ मेरा- मुकेश पटेल

समीरा देखने में जितनी सुंदर थी उतनी ही सुशील स्वभाव की भी थी। । समीरा ने शादी के कुछ दिनों बाद से ही पूरे परिवार का ख्याल रखना शुरू कर दिया था क्योंकि वह घर की सबसे बड़ी बहू थी  समीरा के पति से छोटे उसके देवर और एक ननद थी लेकिन उनकी अभी शादी … Read more

भाभी का घर – मुकेश कुमार

गर्मी की छुट्टियां शुरू होने वाली थी और  रजनी को मायके जाने की छटपटाहट मचने लगी थी क्योंकि इस बार मायके में सिर्फ मां और पापा नहीं थे बल्कि वहां पर एक और नया मेहमान आ चुका था वह थी  रजनी की भाभी ‘शालिनी’, रजनी के बड़े भाई की शादी को अभी कुछ महीने ही … Read more

मेरी गुरूर है मेरी सास!-Mukesh Kumar

रोजाना की तरह आज भी मैंने बच्चों और पति को नाश्ता दे कर बच्चो को स्कूल और पति को जॉब पर भेज दिया था। उसके बाद मैं कुछ देर अपने बालकनी में थोड़ी देर बैठती थी वहाँ पर ठंडी ठंडी हवा आती थी तो बहुत अच्छा लगता था। बालकनी में बैठे हुए रोजाना में एक … Read more

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