परोपकार की ईंट-Paropkar ki it

बहुत समय पहले की बात है एक विख्यात ऋषि गुरुकुल में बालकों को शिक्षा प्रदान किया करते थे वर्षों से शिक्षा प्राप्त कर रहे कुछ शिष्यों की शिक्षा आज पूर्ण हो रही  कि तभी ऋषिवर की तेज आवाज सभी के कानों में पड़ी , “आप सभी मैदान में एकत्रित हो जाएं।” ऋषिवर बोले , “प्रिय … Read more

भगवान को भेंट-Bhagwan ko bhent

पुरानी बात है, एक सेठ के पास एक व्यक्ति काम करता था। सेठ उस व्यक्ति पर बहुत विश्वास करता था। जो भी जरुरी काम हो सेठ हमेशा उसी व्यक्ति से कहता था। वो व्यक्ति भगवान का बहुत बड़ा भक्त था। वह सदा भगवान के चिंतन भजन कीर्तन स्मरण सत्संग आदि का लाभ लेता रहता था। … Read more

टूटी चप्पल-Tuti chapal

पता नहीं ये सामने वाला सेठ हफ्ते में 3-4 बार अपनी चप्पल कैसे तोड़ आता है?” मोची बुदबुदाया, नजर सामने की बड़ी किराना दूकान पर बैठे मोटे सेठ पर थी। हर बार जब उस मोची के पास कोई काम ना होता तो उस सेठ का नौकर सेठ की टूटी चप्पल बनाने को दे जाता। मोची … Read more

कर्मो का फल-Karmo ka fal

एक बार शंकर जी पार्वती जी भ्रमण पर निकले। रास्ते में उन्होंने देखा कि एक तालाब में कई बच्चे तैर रहे थे, लेकिन एक बच्चा उदास मुद्रा में बैठा था। पार्वती जी ने शंकर जी से पूछा, यह बच्चा उदास क्यों है? शंकर जी ने कहा, बच्चे को ध्यान से देखो। पार्वती जी ने देखा, … Read more

अनमोल पूँजी -anmol punji

एक बहुत बड़ा सरोवर था।   उसके तट पर मोर रहता था, और वहीं पास एक मोरनी भी रहती थी।   एक दिन मोर ने मोरनी से प्रस्ताव रखा कि- “हम तुम विवाह कर लें, तो कैसा अच्छा रहे?”   मोरनी ने पूछा- “तुम्हारे मित्र कितने है ?”   मोर ने कहा उसका कोई मित्र … Read more

भूख-बेला पुनिवाला

 इस तस्वीर को ज़रा गौर से देखिए, इसे देखकर क्या आप को लगता है की, इस मासूम से लड़के को नींद के लिए किसी मुलायम गद्दे की या किसी रेशमी चद्दर की या किसी, a.c या पंखे की या किसी नींद की गोली की ज़रूरत होगी   ?           नहीं ना !  में इस लड़के को … Read more

मातृत्व का अहसास

एक बार स्त्री से कहा गया कि वह अपने बारे में दिल खोलकर लिखे। स्त्री बहुत उत्साहित थी। उसे पहली बार अपनी भावनाएँ व्यक्त करने का अवसर मिला था। वह लिखने बैठी तब उसे मातृत्व का अहसास हुआ। माँ, वात्सल्य की मूर्ति, माँ संवेदनशील आदि लिखने ही वाली थी कि उसकी कलम रुक गई। यह … Read more

जोरू का गुलाम

रामलाल तुम अपनी बीबी से इतना क्यों डरते हो?’’मैने अपने घरेलू नौकर से पूछा।। ’’मै डरता नही मैडम उसकी कद्र करता हूँ उसका सम्मान करता हूँ।’’उसने जबाव दिया। मैं हंसी और बोली-’’ ऐसा कया है उसमें। ना सूरत ना पढी लिखी।’’ जबाव मिला-’’ कोई फर्क नही पडता मैडम कि वो कैसी है पर मुझे सबसे … Read more

सासु मां ने दिया मुझे प्यारा पिया-सुधा जैन

सुनंदा बहुत ही सुलझी हुई, समझदार और उदारवादी दृष्टिकोण की महिला है। बचपन से ही घर के संस्कार ,अपनी मां का ममता पूर्ण प्यारा व्यवहार, अपने पिताजी की सादगी सरलता, और भावुकता उसके  हृदय में रच बस गई है। अपनी उत्तम शिक्षा के कारण वह विद्यालय में शिक्षिका है। मन में सपनों का संसार बसाए … Read more

कुशन-सुमि जैन

शाम के चार बजे है किससे बात करूं। मां और भाभी से कल बात करी थी । दीदी से परसो बात करी थी । समय काटे नही कटता है । अब बिलकुल मन नही लगता है । बच्चे छोटे थे तो मन करता था , किसी तरह दस मिनट मिल जाए अपने लिए। मै हर … Read more

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