पायल – निभा राजीव

शिप्रा माता-पिता के देहांत के बाद पहली बार रक्षाबंधन पर मायके जा रही थी। यूं तो भैया भाभी ने बहुत प्यार से बुलाया था। भाभी ने बड़े मनुहार से कहा था कि “सोच ले शिपू कि मां के पास आ रही है।”  पर फिर भी मन न जाने कितनी शंकाओं से घिरा हुआ था। कि … Read more

एहसान – सपना बबेले

मीना की शादी को चार साल ही हुए थे कि अचानक पति की तबीयत बिगड़ी और कुछ दिमागी हालत खराब हो गई। बहुत परेशान थी मीना क्या करें कुछ समझ में नहीं आ रहा था। ससुराल वालों ने भी किसी प्रकार की मदद करने से मना कर दिया। क्यों कि मानसिक रूप से बीमारी के … Read more

ऊंचाइयां – गोविन्द गुप्ता 

सुधीर एक राजनीतिक दल का समर्पित कार्यकर्ता था उसका पूरा परिवार वर्षों से उसी पार्टी का अनुयायी था, अभी पार्टी कभी भी सत्ता में नही आई थीं पर विचारधारा के कारण सुधीर और उसका परिवार हमेशा पार्टी के साथ खड़ा रहा, एक बात सत्ताधारी दल की बहुत बुराई बढ़ गई लोग अंदर ही अंदर बदलाव … Read more

और सपना टूट गया – प्रीती सक्सेना

पापा जबसे ऑफिस से लौटे हैं, मम्मी से पता नहीं क्या बातें किए जा रहे हैं, मुझे कुछ समझ भी नहीं आ रहा, कान लगा तो रही हूं, पर कुछ पल्ले नहीं पड़ा, थोड़ी देर बाद दोनो मेरे कमरे में आए और बोले, पापा के दोस्त हैं न श्याम अंकल, उन्होंने तुम्हारा हाथ मांगा है, … Read more

ननद का हक –   मुकुन्द लाल

 शोभा की शादी के बाद तुरंत ही विदाई होने के पहले पारम्परिक रीति-रिवाज के अनुसार उसके बक्से को नये-नये कपड़ों, उपहारों व अन्य जरूरी सामानों से रिश्तेदारों द्वारा सजाया जा रहा था। उसी क्रम में उसकी मांँ कागजों में लिपटा एक चौकोर छोटा सा बंडल बक्से में रखने लगी तो वहीं पर खड़ी मुआयना करती … Read more

जिम्मेदारी – अनु इंदु

‘ मम्मी , यह दूध का डिब्बा आधा कैसे रह गया ?  अभी कल ही तो खरीद कर लाया था मैं , आप क्या गिन्नी को सारा दिन दूध ही पिलाते रहते हो, आप को तो पता है कि स्पून को लेवल करके ही बच्चे का दूध बनाया जाता है ,30ml में एक levelled स्पून … Read more

मेरा साँया – बेला पुनिवाला 

ईश्वर :  ( drawing room से आवाज़ लगाते हुए ) सुधा, अभी कितनी देर है, टिफ़िन बनने में ? मुझे ऑफिस जाने में देरी हो रही है ? और मेरा चाय-नास्ता ready हुआ के नहीं ? सुधा : ( किचन में से आवाज़ लगाती है। ) अरे, समझो बस हो ही गया। एक नज़र dining … Read more

एक रिश्ता ऐसा भी – अनु इंदु

“दुनियाँ में वफ़ा नाम की कोई चीज़ नहीं होती।असल में आदमी हो या औरत दोनों तब तक ही एक दूसरे के प्रति वफ़ादार रहते हैं जब तक कोई और option न हो। हर रिश्ता कुछ अरसे के बाद नीरस लगने लग जाता है।समाज़ के डर से कई बार बेजान रिश्तों को भी हम  जिंदगी भर … Read more

मुझे मेरा मायका चाहिए – संगीता अग्रवाल

” छोटी तो जल्दी से घर आ जा !” अतुल अपनी बहन अंकिता से फोन पर बोला। ” भैया क्या बात है सब ठीक तो है ना ?” अंकिता ने हैरानी से पूछा। ” नही कुछ सही नही है मां…!” इतना बोल अतुल फूट फूट कर रो दिया। ” क्या हुआ है मां को ?” … Read more

शादी की दावत – विनिता मोहता

सभी दोस्तों में से अनिरुद्ध की शादी ही नहीं हुई थी| सारे दोस्तों को और उनकी पत्नीओ के बीच अनिरुद्ध की शादी हमेशा हॉट टॉपिक होता था क्योंकि अनिरुद्ध शहर के जाने-माने व्यवसायी का बेटा था| सभी को लगता था कि अनिरुद्ध की शादी बहुत ही धूमधाम से होगी| मगर अनिरुद्ध ने कोर्ट मेरिज कर … Read more

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