सयानी – नीरजा कृष्णा
वो ऑफ़िस से लौटी। हमेशा की तरह घर में लड़ाई झगड़ा मचा हुआ था। धड़कते दिल से घुसी…वही रोज वाली किचकिच… अम्माँ सलोनी के पीछे पड़ी थीं,”जरा उठ जा ।थोड़ी मेरी मदद कर दे। अभी शालू थकी हारी आएगी, उसके लिए कुछ नाश्ता बनवा ले। सुमित भी दो बार कुछ खाने को माँग चुका है। … Read more