मेरे हीरो – भगवती सक्सेना गौड़

#ख्वाब कल एक अरसे के बाद मौका मिला, दूरदर्शन के दर्शन करने का, सब काम और मोबाइल को अलग फेंककर सोचा चलो, आज देखा जाए, इस पुरानी दुनिया मे क्या चल रहा है। आश्चर्य हुआ, फिर से  “कौन बनेगा करोड़पति” शुरू होने वाला है और उसके होस्ट भी मेरे प्रिय हीरो अमिताभ बच्चन जी हैं, … Read more

फिल्म – शालिनी दीक्षित

आशिकी के गाने सुन सुन कर मेरे ऊपर भी आशिकी का भूत चढ़ा था; अरे भाई राहुल राय वाली मूवी आशिकी की बात हो रही है कहीं आप श्रद्धा कपूर वाली आशिकी तो नहीं समझ रहे, अब हम इतने भी नन्हे-मुन्ने नहीं है कि श्रद्धा कपूर की फिल्म देखकर आशिकी का भूत सवार हो; अब … Read more

ये प्यार न होगा कम – प्रीती सक्सेना

 आज मन कुछ व्याकुल था,, कारण भी ज्ञात नहीं,, सोचने बैठी तो,,,, इतने सालों की दबी परतें,,, खुलती चली गई,,, कुछ बातों को यादकर,, मुस्कुराहट खेल गई चेहरे पर,, कुछ को यादकर,,, गुस्सा आने लगा,,, बात भी क्या,,, बताऊंगी,,, तो आप सब हंसने लगोगे पर,,, अब तो अपना,, रोज़ का साथ हो गया है,,, आप … Read more

नम्बर दो – रीटा मक्कड़

आज अकेले बैठे हुए नीरजा फिर से अतीत की यादों में खो गयी थी । उसे वो सब बातें याद आने लगी जिन बातों ने कदम कदम पर उसके दिल को गहरे जख्म दिए थे। हालांकि देखने वालों को यही लगता था कि वो अपने घर संसार और अपने पति बच्चों के साथ बहुत खुशहाल … Read more

प्यार की जिद.. – दिव्या  शर्मा

“वृंदा….!!” “छनाक…।” एक आवाज हुई और उसकी हथेली लहुलुहान हो गई।दर्द की लहर नसों में दौड़ गई।वह यथार्थ में लौट आया।हाथ में पकड़ा शराब का गिलास उसकी ऊंगलियों के दबाव से चकनाचूर हो चुका था।बिल्कुल उसके दिल की तरह। वह भी तो रीस रहा था… रो रहा था…. वृंदा की फोटू को सीने से लगाए … Read more

बेटे का फर्ज़ – पूजा मनोज अग्रवाल

मोहिनी के पति फौज में थे ,,,विवाह के मात्र तीसरे वर्ष में ही वे मोहिनी और उनके बेटे हर्ष को छोड़कर इस दुनिया से अलविदा कह गए । मोहिनी की जिंदगी की असल परीक्षा तो अब प्रारंभ होने वाली थी ,,,,पति के जाते ही उनकी  जिंदगी का नया नारकीय अध्याय शुरु हुआ । सास ननंद … Read more

 ये कैसी आस्था,,,,कैसा विश्वास –   सुषमा यादव

हम सबका किसी ना किसी पर बहुत ही आस्था और विश्वास रहता है,,पर ये‌ आस्था किस पर,, ,, चलिए देखते हैं,,, छोटी बेटी कोटा में पी एम टी, की कोचिंग करने गई थी, पहली प्रवेश परीक्षा में उसके अच्छे नंबर नहीं आ पाये थे,, तो स्वाभाविक था कि मनपसंद मेडिकल कॉलेज और विषय नहीं मिल … Read more

स्वावलंबी – अनामिका मिश्रा

रौशनी अपने पति और एक बेटी के साथ शहर में रहती थी। पति की शहर में नौकरी थी। रौशनी और उसके पति विवेक का घर,गांव में भी था, गांव में उसके माता पिता और एक छोटी बहन रहती थी, जिसकी अभी शादी नहीं हुई थी। विवेक ऑफिस जाते वक्त,रौशनी से कह रहा था, “रौशनी, कल … Read more

स्तर – नीलम सौरभ

अपने सुयोग्य बेटे संकेत के रिश्ते के लिए लड़की और उसका घर-बार देख कर घर वापस आने के बाद से ही कल्याणी कुछ अनमनी सी थीं। उनका मस्तिष्क स्वीकृति-अस्वीकृति की दुविधा में हिचकोले खा रहा था। बेटे के हावभाव से न जाने क्यों उन्हें आभास हो रहा था कि उसे इस बार वाली लड़की मेधा … Read more

दहलीज के भीतर – कंचन श्रीवास्तव

रोज की किच किच लड़ाई झगड़े से तंग आकर रेखा ने आज घर छोड़ने का फैसला कर ही लिया,फिर क्या था कुछ भी साथ न लिया बस तन पर जो कपड़े पहने थे वहीं शायद रवि के कमाई के थे।यहां तक की कान नाक और पैर में पहनी पायल को भी उतार के ड्रेसिंग टेबल … Read more

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