तकनीकी की जादुई  दुनिया – मीना माहेश्वरी

 आज हमारे किटी का ग्रुप पिकनिक मनाने आया था,बहुत ही सुन्दर नज़ारा था। चारों तरफ़ ऊंची _ऊंची  पहाड़िया, हरे _भरे विशाल वृक्ष, पहाड़ियों के बीच से कल _कल की मधुर ध्वनि करता चांदी_सा स्वेत इठलाता झरना, पेड़ों के बीच से छन_ छन कर आती सुनहरी मखमली धूप और मंद _मंद बयार,सब प्रकृति के इस हसीन … Read more

जादुई दुनिया… – विनोद सिन्हा “सुदामा”

वैसे तो हर इंसान का बचपन अपने आप में किसी जादुई कहानी से कम नहीं…बचपन की दुनिया किसी जादुई दुनिया से कम नहीं.. नर हो या मादा..आदमी हो या औरत.. शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति या इंसान हो जिसने अपने बचपन में दादा-दादी,नाना-नानी,या फिर अपने माता पिता के मुख बयां किस्से कहानियों में जादुई दुनिया … Read more

एंजलिना – रीमा महेन्द्र ठाकुर

#जादुई_दुनिया सर्द रात की ठिठुरन “ऊपर से बर्फबारी ,वो सात साल की बच्ची ए़़ंजलिना ,अपने छोटे से शावक के साथ  ठण्ड से ठिठुर रही थी । आज उसकी चचेरी बहेन ने फिर उसे घर से निकाल दिया था।वो शावक भी उसे गरमी पहुचाने मे असमर्थ था। उसकी माँ और बाबा भूसख्लन की चपेट मे आकर … Read more

 कागज का दरवाजा – गीता वाधवानी

#जादुई_दुनिया तो हुआ यूं मेरे प्यारे प्यारे साथियों, हम केरल घूमने गए। वहां सुंदर-सुंदर मनभावन नजारे, चाय के बागान और कटहल के पेड़ देखकर बहुत ही आनंद आ रहा था। वापस आने का मन ही नहीं था। सोचा वापस जाने से पहले एक बार फिर समुद्र देवता के दर्शन कर लिए जाएं।  लहरों की आवाजें, … Read more

समाधान – ननु नरेंद्र

  जमुना प्रसाद को रात को नींद नहीं आई ,कई बार ऐसा होता है। चित्त अशांत होता है लेकिन कारण अज्ञात।अपना स्वास्थ्य ठीक, व्यापार का स्वास्थ्य ठीक, पत्नी बच्चे ठीक, देनदारी कोई नहीं ,मुकदमा कोई नहीं ,पर कुछ तो है ।घुटने से नीचे पिंडली से भी थोड़ा नीचे या आस-पास कभी-कभी खुजली सी होती है, जिसका … Read more

 अजनबी – प्रीती सक्सेना

#जादुई_दुनिया        एमबीए,, पूरा होते होते,, देहरादून में एक अच्छी कंपनी में मेरा जॉब लग गया,,, मेरी खुशी का ठिकाना नहीं,,, पर मम्मी पापा,, बहुत चिंतित हैं,, कारण ये कि मैं दुबली पतली,, बिल्कुल नाजुक सी,, अपनी उमर से बहुत छोटी दिखने वाली एक ख़ूबसूरत लड़की हूं,, एक अजनबी शहर में बेटी अकेले रहेगी,, ये विचार … Read more

 दादीमाँ के हसीन सपने ” – सीमा वर्मा

#जादुई_दुनिया साथियों यह कहानी है मास्टर ‘ मोनू ‘  एवं उनकी पैंसठ साला ‘दादीमाँ ‘ की। दादी का भरापुरा परिवार उनके साथ ही दादाजी के बनवाए हुए कानपुर के सिविल लाइन्स की बड़ी सी पीली कोठी में रहता है । जिनमें दादी उनके बेटे डॉक्टर अशोक उनकी बहू जो स्वय लेडी डॉक्टर हैं के अलावे … Read more

मोतीचूर के लड्डू – ऋचा उनियाल बोंठीयाल

पांच रुपए का सिक्का अपने पुराने से स्टील के डब्बे में डाल कर भोलू ने एक गहरी सांस ली। आज की उसकी बोनी हो चुकी थी और आगे अच्छी कमाई की उम्मीद लिए उसने फिर ज़ोर से आवाज़ लगाई   “बूट पॉलिश…., बस पांच रुपए में … बूट पॉलिश करा लो….” महज़ 10 साल का … Read more

वैंपायर की मुहब्बत – नीलिमा सिंघल

आस्था बचपन से ही कल्पनाओं के सागर मे गोते लगाती रहती थी,,,कभी उसको लगता कहीं से ऐसी गाड़ी मिल जाए जो बटन दबाने से बड़ी हो जाए जो तैर सके उड़ सके,,,, कभी सोचती उसको सिंड्रैला की तरह परी मिल जाए जो उसको बहुत प्यार करे और अपनी जादू की छड़ी से सब कुछ अच्छा … Read more

नीनू चली जादू नगरी –  सरला मेहता

#जादुई_दुनिया दीवाली के लिए मम्मा ने गुजिया लड्डू बनाकर ऊँची रेक पर रख दिए।नीनू सोचने लगी मैं गुड़िया बहियन की छोटी गुजिया केही विधि पाऊँ ? लेकिन उसके सारे प्रयास विफ़ल।  नीनू ललचा कर माँगती है,” बस एक गुजिया दो ना मम्मा,सच्ची बस एक ही। “ माँ फटकार लगा देती है, ” बिलकुल नहीं, सब … Read more

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