स्वार्थी संसार – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi
“सुनो!ये रहे दो सौ रुपए !आज लौटते हुए अपनी दमा की दवाई जरूर लेते आना,रोज रात में खांसते खांसते बेहाल हो जाते हो!,मुझसे तो देखा नहीं जाता तुम्हारा हाल?शीला ने अपने पति जीवन से कहा! तभी स्कूलके लिए बाहर निकलते हुए उनके बेटे मनु ने मुंह बनाते हुए कहा “पापा! जल्दी से ये दो सौ … Read more