प्यार की एक कहानी – नीलम सौरभ

वह हल्के कुहासे से भरी एक सुहानी सुबह थी। सवेरे की सैर पर निकले हुए लोगों के लिए अति आनन्द भरी थी। पर उस परिवार के वृद्ध मुखिया बब्बाजी आज बेहद गुस्से में भरे हुए शीघ्र ही घर लौट आये। रोज की नियमित दिनचर्या के तहत वे टहलने गये थे, लेकिन आज अपने पुराने ठिकाने … Read more

मैला आँचल – रंजना बरियार

‘किरण , तुम यहाँ?…’ स्वास्थ्य मंत्री प्रकोष्ठ के बाहर , ऊँची हिल की सैंडल ,कड़क साड़ी  पहनी, गुलाबी लिपस्टिक लगाकर, घूमती किरण को देखकर आश्चर्य से डॉ सौरभ प्रकाश ने पूछा । ‘जी , मैं इन दिनों यहीं काम करती हूँ…’ किरण ने संक्षिप्त सा जवाब दिया । ‘क्या काम करती हो यहाँ ?’डॉक्टर ने … Read more

बेआवाज लाठी – रीटा मक्कड़

इकलौते बेटे को ब्याह कर  सुमित्रा काकी बड़े चाव से बहु ले कर आई।इतनी खुश थी आज कि जैसे सारी खुशियाँ एक ही बार में समेट लेगी। बड़ी देखभाल कर छाँट कर लड़की चुनी। जो बेटे की तरह ऊंची लम्बी हो , सुंदर भी लगे और खानदानी भी हो। सारी जिंदगी लोगों के कपड़े सिलकर … Read more

सुखना – रूद्र प्रकाश मिश्र

बिल्कुल अपनी नाम के मुताबिक था वो । सूखी सी देह , अंदर की ओर धँसी हुई आँखें , बाहर निकला हुआ पेट और सूखे हाथ – पाँव । यही कोई बारह या पंद्रह वर्ष के आस – पास उम्र होगी उसकी ।           उसको आज सुबह से ही पास वाले गाँव के जमींदार के यहाँ … Read more

बिल्कुल तुम पर गई है – पिंकी नारंग

सुधा शिवम को याद कराते हुए कह रही थी, घर की डुपलीकेट चाबी अपने पास रख लेना |आज पापा से मिलने गुड़गांव जाना है, लौटने मे देर हो जाएगी |डिनर भी बाहर से औडर कर देना |मै भी घर आ कर तुम्हारे साथ ही खाऊँगी |शिवम हसँते हुए बोला “दोपहर का खाना भी खा कर … Read more

बड़ी बहन भी मां ही होती है,,,-सुषमा यादव

दोनों बहनों में पांच वर्ष का अंतर है,, जहां छोटी बहन गोरी,गोल मटोल, चंचल, मस्त अल्हड़, खूब बातूनी और खिलखिला कर हंसने वाली, साथ ही शैतान भी बहुत थी,,, वहीं पर, बड़ी बहन का रंग थोड़ा दबा हुआ सा,, शांत, गंभीर, प्रकृति वाली,,, बस ख़ामोश भरी निगाहों से सबको ताकती रहती पर बोलती कुछ नहीं,,जब … Read more

स्नेह बंधन – डा.मधु आंधीवाल

आज आप मेरे साथ नहीं हैं पर आपका ममत्व भरा सानिध्य में कभी नहीं भूल पाती हूँ । आज मैं भी उम्र के ढलान पर हूँ पर जब पुरानी यादों में पहुंच जाती हूँ तो लगता है कि अभी भी तुम्हारी  छुटकी बन गयी । आप बड़ी बहन कम और एक मां का दायित्व निभाती … Read more

ढोल – अनुज सारस्वत

“भैया देखो ऐसा है बैंड का हमें ना पता लेकिन ढोल जरूर होना चाहिए।हमारे भैया की शादी में।वरना हम दूसरा इवेंट वाला कर लेंगें” सेठ ने बाल खुजाते हुए इवेंट मैनेजमेंट वाले को कहा।इवेंट मैनेजर आश्वासन देकर चला गया। वह एक बस्ती में पहुंचा वहां जाकर एक झुग्गी में आवाज लगाई  “मोनू.. मोनू..” एक 20 … Read more

आधुनिकता – अनुपमा

बहुत बैचैनी से ऋतु इधर से उधर घूम रही थी , कनखियों से पापा की ओर देखने का प्रयास कर रही थी , शोभा ने ऋतु के इस व्यवहार को नोटिस तो किया पर कुछ कहा नहीं , पापा के ऑफिस जाते ही ऋतु जल्दी से तैयार हो गई और बाहर जाने लगी , शोभा … Read more

कर्ज़- विनय कुमार मिश्रा

“माँ! गाँव की बड़की माई शायद अब अलग खाना बनाने लगी हैं, बीमार भी रहने लगी हैं, सूरज है यहां अपने गांव का, वही बता रहा था” बेटे ने ऑफिस से आते,एक खबर की तरह बड़े ही आराम से कहा था कल, पर मेरे दिल में एक हलचल सी मच गई, उनसे मिलने की “अरुण! … Read more

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