वो वाक़या जो भुला न सका – अनजान लेखक (मुकेश कुमार)
पैंतालीस साल से उपर गुजर गए थे जब मैंने ठान लिया था की जो भी हो अब इस जन्म में दोबारा हमलोग न ही भेंट-मुलाक़ात करेंगे और न ही बात करेंगे. एक शहर के हो कर भी हमलोग अजनबी बने रहे. लेकिन वो बोलते हैं न की “कुछ चीज़ें आप करते हैं और कुछ चीज़ें … Read more