इतना स्वार्थी भी न बनो – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 77

 आज सुबह-सुबह ही घर में बड़ा हंगामा हो गया। जितना आदेश और पूर्वी परिवार के लिए करते, उतना ही उन्हें सुनाया जाता। न जाने क्यों पूरा परिवार इतना स्वार्थी हो चुका था कि आदेश और पूर्वी के तन-मन-धन से पूर्णतया सहयोग करने के बाद भी परिवार की अपेक्षाएँ तुष्ट ही नहीं होती थीं। आदेश को … Read more

मतलबी दुनिया – भगवती : Moral Stories in Hindi

New Project 78

“अरे… खाली हाथ कैसे आ रहा है..!.. राशन सब्जी कहां हैं..?” मीरा ने राहुल को खाली हाथ आता देख कर पूछा। “मम्मी, हेमा मिल गई थी रास्ते में, उसने कहा घर में कुछ पैसों की ज़रूरत है, मधु दीदी और जीजा जी भी आ रहें हैं, अगर कुछ पैसों का इंतजाम हो जाए तो बड़ी … Read more

“दिखावे की जिंदगी” – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

New Project 80

रंजन के गेट खोलते ही पोस्टमैन हाथ में एक अंतर्देशीय लिफाफा देकर चला गया रंजन ऐसी चिट्ठी देखकर आश्चर्य चकित रह गया यह किसकी चिट्ठी हो सकती है। आज के जमाने में भी कौन चिट्टियां भेजता है? पीछे पीछे उसकी पत्नी वैशाली आई थी तो वो भी हंसते हुए कहने लगी। अपने कमरे में चिट्ठी … Read more

प्यार से समस्या का समाधान – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

New Project 83

सर्दियों का दिन था। रमा जी और रविकांत जी लॉन मे बैठकर धुप सकते हुए आपस मे बाते कर रहे थे। दोपहर के ढाई बज रहा था। धुप भी अब लॉन से जाने लगा था। रविकांत जी को जोरो की भूख लगी थी। सुबह से उन्होंने सिर्फ फल खाया था।जब भूख बर्दास्त नहीं हुआ तो … Read more

पैसा अच्छे अच्छों का दिमाग खराब कर देता है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

New Project 84

मम्मी आज निकिता कह रही थी देखो तो दीदी जीजाजी हमारे साथ गाड़ी से निधी की शादी से वापस आ गए और ये भी न हुआ कि दीदी से कि गाड़ी में पेट्रोल ही डलवा दें। फिर हमने भी रास्ते में एक महंगे होटल में गाड़ी रोक दी खाना खाने को कि चलो यहां खाना … Read more

दिखावे की जिंदगी – निमिषा गोस्वामी : Moral Stories in Hindi

New Project 86

सानू एक मध्यम वर्गीय परिवार की लड़की व शैलजा एक उच्च परिवार की लड़की है। लेकिन दोनों काॅलेज से ही गहरी दोस्ती है।वे जहां भी जाती साथ में जाती सालू को शैलजा के कपड़े बहुत पसंद आते उसके साथ रहने के लिए उसे शैलजा जैसा दिखना पसंद है इस कारण वह कभी कभी अपने पड़ोस … Read more

दिखावे की जिंदगी – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

New Project 87

रश्मि जब देखो तब तुम मुझे छोटी नौकरी का ताना मारती रहती हो—— और मेरे सारे पैसे—- अपनी साड़ियां खरीदने में और दिखावे में उड़ा देती हो! अपनी अमीर सहेलियों की बराबरी करती हो—- उनके घर इतना महंगा सामान है! तो हमारे घर भी होना चाहिए—- तुम्हें मालूम होना चाहिए मैं एक क्लर्क हूं और … Read more

सरेआम बेइज्जती – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 88

संगीता मध्यम वर्गीय परिवार में पली बड़ी, खूबसूरती में बेजोड़। समय रहते ही उसके पिता ने अपने जैसा ही एक घर देखकर उसके हाथ पीले कर दिए। लोग हमेशा से ही उसकी खूबसूरती की तारीफ करते इसलिए थोड़ा इतराती भी थी। अपने परिवार में अपनी सब जिम्मेदारियां निभा रही थी। उसकी एक सहेली की शादी … Read more

दिखावे की जिंदगी – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

New Project 89

रुबी भले हीं एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी थी मगर उसके सपने बड़े हीं ऊंचे थे। एशो-आराम का जीवन और खूब से संवर कर रहना उसका सबसे पसंदीदा शौक था। पढ़ाई में तो वो बहुत हीं औसत थी लेकिन फैशन के मामले में अव्वल… छोटी उम्र से हीं उसे दिखावा करने का बड़ा हीं शौक … Read more

व्यवहार – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

New Project 91

 ‘माँ,भाभी शिक्षित अवश्य हैं,किंतु रसोई के काम में बिल्कुल भी माहिर नहीं हैं। देखो न,सब्जियों में तेल-घी तो न के बराबर ही डालती हैं। रोज ही उनकी बनाई सब्जियों में नमक और मिर्च मसाला कम होता है। इतनी रूखी-सूखी और  बेस्वाद सब्जियां कोई कैसे खा सकता है ? आप कभी कुछ कहती क्यों नहीं उन्हें … Read more

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