रिश्तो में तुलनात्मक व्यवहार क्यों? – प्राची अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

New Project 88

सुगंधा अपने परिवार में बड़ी बहू थी शुरू से ही। मायके में साधारण घर से थी। लेकिन यहां भरा पूरा परिवार था। कोई भी किसी तरीके का ताना उलाहना नहीं था लेकिन सुगंधा अपने को कमतर आंकती क्योंकि मायके से कमजोर जो थी। यह उसकी अपनी ही सोच थी। इसी उधेड़बुन में उसने चीजें खुद … Read more

आंसू बन गए मोती – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

New Project 89

रात के सन्नाटे में घड़ी की टिक-टिक की आवाज़ कमरे की खामोशी को और गहरा कर रही थी। बिस्तर पर लेटी वृद्धा सावित्री देवी की आंखों में नमी थी। उनकी कांपती उंगलियां एक पुरानी तस्वीर को सहला रही थीं, जिसमें उनका पूरा परिवार हंसते हुए दिख रहा था। लेकिन वह हंसी अब कहीं खो गई … Read more

कन्यादान का पुण्य – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

New Project 91

मुश्किल से दो निवाले हलक के नीचे उतारे थे कि चारु का मोबाइल फिर से बजने लगा और साथ ही मां का राग भी लो अभी आई नहीं दो घड़ी बैठी नहीं कि फिर बुलावा आ गया … अरे कोई जरूरत नहीं है फोन उठाने की बजने दे निगोड़े को।दो घड़ी बैठ कर दुनियादारी की … Read more

आंखों में खटकना – राजेश इसरानी : Moral Stories in Hindi

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वो अभी 25 वर्ष का था। उसके पिताजी ने बहुत मुश्किल और कठिनाइयों से उसकी पढ़ाई  करवाई थी। अपनी क्षमता से ज्यादा खर्चा कर उसको पढ़ाया था।  उसकी अच्छी जगह नौकरी लग गई थी। और पैकेज भी अच्छा था। जैसे कि आप जानते है ऐसे लड़कों को लड़की वाले ढूंढते ही रहते है।  उसी की … Read more

पाप का फल – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 94

सरस्वती की जब शादी पक्की हुई तो वो अपने दहेज की चादरों पर कडाई बुनाई का काम करने में लग गई क्योंकि वो कृष्ण की भक्त थी इसलिए चादरों तकियों के कबर पर यहां तक कि तौलिये के कपड़े पर भी उसने  बहुत ही खूबसूरत फूल पत्तियों के साथ साथ राधा कृष्ण की तसबीरें धागों … Read more

एक माफी ने बिगड़ने से पहले रिश्ते सुधार दिए। – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

New Project 95

दोनों भाई एक दुसरे के साथ-साथ ही अपनी कंपनी में जाते। बडा अनीश, छोटा रोनीश। माता सुलोचना देवी अपने लाडलों को देख निहाल हो जाती। पती सोमेश की मृत्यु के बाद कुछ दिन वे संभल नहीं पायी थी। सोमेश जी थे भी इतने सेवाभावी, मृदुल और स्नेहिल। मिलनसार तो इतने कि सारा गांव उन्हें अपना … Read more

मोह का अटूट बंधन – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

New Project 96

पूरे एक साल के बाद अर्पिता आ रही थी मायके,बेटी(रितु) के संग।आने की जानकारी देते हुए फोन पर बताया था अर्पिता ने रीना को”भाभी,रितु के साथ आ रहीं हूं मैं।चार दिन रुकेंगें हम।वापसी में मां को भी अपने साथ लेकर आऊंगी।अब तो अच्छी तरह चल लेती हैं वो।रितु ने पिछले साल वादा ले लिया था … Read more

सुबह का उजाला – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

New Project 97

चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात, यह कहावत आज रीता पर सटीक बैठ रहा था। बेचारी ने अपने जीवन मे चार दिन का पति सुख प्राप्त किया और आज वह जब उसकी विधवा बनकर रो रही है, चिल्ला रही है, बार बार बेहोश हो रही है, अपने पति का नाम ले लेकर पुकार रही … Read more

कायापलट – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 98

रमेश गुस्से में अपनी पत्नी पर चीखा…कैसी फूहड़ हो तुम,किस दिन अक्ल आएगी तुम्हें?आएगी भी या नहीं कभी? लेकिन मैंने किया क्या है?कांपती आवाज़ में सुमन बोली। आज सब्जी में नमक डाला था या नमक के डिब्बे में सब्ज़ी?कितनी मजाक बनवाई मेरी मेरे ऑफिस में?सब कहने लगे…भाभीजी के हाथों में नमक कुछ ज्यादा है?बड़ी नमकीन … Read more

सुमन का संघर्ष और विजय – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 99

वाह! सुमन ने क्या किस्मत पाई है! पिछले जन्म में बहुत अच्छे करम करे होंगे छोकरी ने! तभी ऐसा वर मिला है! सुना तुमने! सुमन का दुल्हा शहर में बड़ी वाली डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा है!  किस्मत तो दोनों जुड़वां बहनों की अच्छी है! बाला और सुमन दोनों इतने बड़े जमींदार परिवार में ब्याह … Read more

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