*पंखहीन परी* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 41

    देखो बेटी,तुम इस घर की बडी बहू हो,इसलिये तुम्हे अपने मायके के बचपने को छोड़ना होगा।तुम्हारी ननद, तुम्हारे होने वाली देवरानी सब तुम्हे ही देख कर आचार विचार रखेंगे।     जी-माँ जी।       रीता की रितेश से शादी अभी दो माह ही पूर्व हुई थी।रितेश अपने घर मे अपने भाई व बहन से बड़ा था,इस कारण रीता … Read more

परफेक्ट मैच – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 42

दोस्तों कहते हैं जोड़ियां तो ऊपर से बनकर आती है बस हम या आप तो उन्हें मिलाने का जरिया मात्र बनते हैं। कुछ जोड़ियों को देख हमारे मुंह से निकलता है वाह !क्या खूबसूरत जोड़ी है । पर कुछ जोड़ियां खूबसूरत भले ना हों पर उनका सच जान मुंह से यही निकलता है वाह ! … Read more

गहरा रिश्ता – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 43

जाने किस घड़ी में इसे पसंद किया था, मेरी तो मति ही मारी गई थी जो मै इसे बहू बनाकर लाई, एक काम भी ये ढंग से नहीं करती है, पता नहीं कैसे घर संभालेंगी? इसके तो खुद के ही काम नहीं होते हैं।’ मंजुला जी बड़बड़ कर रही थी, लेकिन सोनिया पर कोई असर … Read more

“ आई लव माय सासू मां “ – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 43

मालती.. पूरे 6 महीने हो गए हैं गुड़िया की शादी को ,इन 6 महीनो में तीन चार बार वह यहां आ भी गई किंतु इस बार तो पूरा एक महीना हो गया जब वह आई थी, बड़ा मन कर रहा है उसे देखने का वैसे तो हर समय अपने ससुराल की प्रशंसा करती है किंतु … Read more

आखिरी फैसला – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

New Project 44

अपनी आंखों में आंसू भरकर नंदिनी अपने बिस्तर पर बैठी हुई थी…संज्ञा शून्य सी!! ऐसा लग रहा था कि उसके शरीर के सारे रक्त सूख गए हैं ।उसका दिमाग भन्ना रहा था । कई बातें उसके दिमाग और मानस पटल पर दौड़ रही थीं । “क्या करूं मैं ?अपने माता-पिता को क्या जवाब दूंगी मैं?” … Read more

बेदखल – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

New Project 60

पंकज सात भाईयों के बीच में सबसे छोटा बेटा था।पढ़ाई में मन लगता नहीं था,तो एक दुकान में जाकर काम करने लगे थे।कोठी बड़ी थी।सभी भाईयों के कमरे अलग-अलग थे।पंकज सारा दिन भटकता रहता था।खाना मांगने पर खुद की मां कुमाता बनकर कहती”कब तक मूंग दलेगा हमारी छाती में?इन सारे बच्चों के पिता कमाते हैं, … Read more

आखिरी फैसला – एकता बिश्नोई : Moral Stories in Hindi

New Project 59

“अगर जाना है तो तू कहीं चला जा…नेहा कहीं नहीं जाएगी”…। “मगर माँ…..मैं कहांँ जाऊँगा…. ये मेरा घर है” ..। “तो नेहा भी क्यों कहीं जाएगी..बहू है वह इस घर की..ये घर उसका भी है”…। “मगर मैं इसके साथ नहीं रह सकता”… । “इसीलिए तो कह रही हूँ तू कहीं और अपना ठिकाना देख ले…. … Read more

‘मन्नत: एक छोटी सी ख्वाहिश’ – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 58

श्यामा प्रसाद जी के बंगले में खूब चहल-पहल है। खुशियों से सबके चेहरे चमक रहे हैं। वाद्य यंत्रों और बधाई गीतों की आवाज दूर-दूर तक जा रही है। दादू-दादी आओ, पापा-मम्मी आओ…. मन्नत को झूला झुलाओ…….. गाओ सखियों मंगल गान… जन्मी हमारी राजदुलारी… मन्नतों से मांगी गई मन्नत आज 40 दिन की हो गई है। … Read more

उड़ान – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 57

मुंबई की ऊॅंची चमकदार बिल्डिंग में रहने वाली नीलिमा की जिंदगी बाहर से एकदम परफेक्ट लगती थी। एक बड़े बिजनेस टाइकून की वाइफ, दो प्यारे-प्यारे बच्चे और लग्जरी लाइफ। लेकिन, अंदर ही अंदर वह अपने अधूरे पड़े सपनों की कसक लेकर जी रही थी। नीलिमा एक बेहतरीन फैशन डिजाइनर थी। शादी से पहले उसने कई … Read more

संयुक्त परिवार – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 56

गाँव में हमारा परिवार रहता था। परिवार में मैं, मेरे माता पिता, ताऊ जी ताई जी, उनका बेटा रोहन और दादा जी। मैं पढ़ाई में बहुत तेज था और रोहन औसत था। रोहन मुझसे 1 क्लास आगे था पर मैं उसका भी होमवर्क करता था। हम दोनो भाई से ज्यादा दोस्त थे। दादा जी के … Read more

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