नौकरी वाली देवरानी -मुकेश कुमार

कांता जी की दो बहुए थीं बड़ी बहू का नाम सरिता था और छोटी बहू का नाम मीरा था। कांता जी की दोनों बहुएं देखने में बहुत खूबसूरत थी। बड़ी बहू सरिता गांव की रहने वाली थी और सिर्फ मैट्रिक पास थी वही छोटी बहू मीरा शहर की रहने वाली थी और ग्रेजुएट थी।  छोटी … Read more

अतीत का दर्द – मुकेश पटेल

मां तो बचपन में ही गुजर  गई थी पिता का देहांत पिछले साल कोरोना महामारी में हो गया था।  आज 1 साल बाद गर्मी की छुट्टियों में शिल्पा अपने मायके आ रही थी।  भाई संतोष बहन को लेने के लिए स्टेशन पहुंच चुका था।  शिल्पा घर के अंदर प्रवेश करते ही सामने अपने मम्मी पापा … Read more

दर्द रिश्तो का – मुकेश पटेल 

रामनाथ जी दिल्ली के एक सरकारी बैंक में मैनेजर थे  उनकी शादी के 20 साल गुजर चुके थे  लेकिन अभी तक उन्होंने संतान सुख की प्राप्ति नहीं की थी  उनकी पत्नी सुनंदा इस बात को लेकर हमेशा चिंतित रहती थी कि भगवान उनकी कोख में भी एक बेटा या बेटी दे दे इसके लिए सुनंदा … Read more

मां की घर वापसी – मुकेश पटेल

New Project 99

सुषमा जी का सपना था पति के  रिटायर होने के बाद पूरे भारत के तीर्थ यात्रा करेंगी।  एक बेटा और बेटी थी जिसकी शादी पहले ही कर दी थी।  बेटा हैदराबाद में सॉफ्टवेयर इंजीनियर था।  बेटी की शादी चार्टर्ड अकाउंटेंट से किया था जो दिल्ली में रहती थी। जीवन हंसी खुशी बित रही थी।   … Read more

प्यार की परिभाषा

शाम के 6 बजे का समय था। मैं अपने सभी काम ख़त्म कर कुर्सी पर बैठा हुआ एक किताब पढ़ रहा था। तभी अचानक मेरे कानों में एक आवाज पड़ी, “पिता जी, ये प्यार क्या होता है?” आवाज मेरे बेटे की थी। उसकी उम्र अभी सिर्फ 8 साल की थी। सवाल सुन कर मैं तो … Read more

मेरा फैसला – गौतम जैन

  आज खुद को बहुत तन्हा महसूस कर रही हूं मैं …. बहुत बेबस और लाचार भी ….. । पहली बार तब टूटी थी जब तुम मुझे अकेले छोड़ सारी जिम्मेदारी मुझ पर डाल कर हमेशा-हमेशा के लिए चले गए थे । एक विधवा का जीवन क्या होता है तुम क्या जानों । कैसे एक एक … Read more

मेहनत का बीज

बहुत पुरानी बात है  सीतापुर के राज्य के राजा को  शादी के 25 साल हो चुके थे लेकिन अभी भी कोई संतान की प्राप्ति नहीं हुई थी।  जिसे राज्य की उत्तराधिकारी घोषित किया जा सके.  एक दिन इसी बात की चर्चा राज्यसभा में चल रही थी तभी राजगुरु ने राजा को सलाह दी महाराज हम … Read more

काश पुरुषों का भी मायका और ससुराल होता

सुधा जी एक स्कूल में शिक्षिका थी और जीवन के  60  बसंत पार कर चुकी थी अगले महीने स्कूल से रिटायर होने वाली थी।   सुधा जी के दो बेटे और एक बेटी थी तीनों की शादी हो चुकी थी। सुधा जी के पति राकेश जी भी बिजली विभाग में नौकरी करते थे  वे  5 साल … Read more

मनहूस माँ

रंजना का पूरा परिवार सेना में नौकरी करता था।  रंजना जब जवान हुई उसके लिए भी सेना में नौकरी करने वाले लड़का देखा जाने लगा।  लेकिन रंजना की मां नहीं चाहती थी कि उसकी बेटी की शादी   सेना में नौकरी करने वाले लड़के से हो। लेकिन पिता की इच्छा के आगे रंजना की मां … Read more

गैरों में अपनों की परख – मुकेश पटेल

बंसी लाल जी की इलाहाबाद में किराने की दुकान थी।  इसी किराने दुकान से घर भी चलता था और अपने इकलौते बेटे को पढ़ाकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बना दिया था।  बेटा गुड़गांव में एक एमएनसी कंपनी में नौकरी करता है।   गर्मी की छुट्टी में बेटा और बहू दोनों इलाहाबाद आए हुए थे और उन्होंने अपने पापा … Read more

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