बड़ा भाई पिता के समान होता है – अरुण कुमार अविनाश

” मैडम, छः माह की फीस बाकी है – बच्चों के हाथ कई बार नोटिस भेजा पर –।” नलिनी हताश-सी फीस क्लर्क की ओर उम्मीद से देखी। ” मेरे बस में कुछ नहीं मैडम – आप प्रिंसिपल मेम के पास जाइये।”– नलिनी के चेहरें पर वेदना के भाव देख कर फीस क्लर्क पिघला। आखिरी कोशिश … Read more

बेसहारा –  मुकुन्द लाल

सुदेश के पिताजी की मृत्यु दो दसक पहले गंभीर बीमारी की चपेट में पड़ने के बाद उचित इलाज नहीं होने के कारण हो गई थी।  अक्सर गरीब के घर में गंभीर बीमारी के आगमन का अर्थ साक्षात वहांँ यमदूत का पदार्पण ही होता है। कुछ इसी तरह की बातें प्राइवेट फर्म में काम करने वाले … Read more

अधिकारी – कंचन श्रीवास्तव

चरण स्पर्श लिखते हुए निवेश के सामने अतीत का एक एक पन्ना स्वत: ही खुलने लगा। आंसुओं की अविरल धारा आंखों से बहने लगी। उसे अच्छे से याद है जब मां पिता जी साल के भीतर ही हम सबको तोड़के चले गए थे तो कैसे भाई ने हम सभी भाई बहनों को संभाला , सारी … Read more

अपना घर तो अपना ही होता है – मुकेश कुमार

 राकेश जी रांची सचिवालय में नौकरी करते थे लेकिन अब रिटायर हो चुके थे एक दिन अपने दोस्त महेश जी के साथ पार्क में घूम रहे थे तभी उनके  दोस्त महेश जी बोले अरे भाई राकेश मैंने सुना है कि तुम अपना  घर बेचकर हमेशा-हमेशा के लिए अपने बेटे के पास हैदराबाद जाने वाले हो।  … Read more

फौजी भैया – भगवती सक्सेना गौड़

रजनी दुल्हन बनी कार से उतरी, सब रिश्ते की भाभी, चाची सास, ताई सास कार को घेर कर खड़ी थी। तभी एक भारी सी आवाज़ आयी, “अरे भाई हवा तो आने दो, नई बहुरिया अंदर भी जाएगी, देख लेना।” फिर सासु जी ने कई रस्मों के साथ परछन किया और रजनी ने घूंघट डाले, रोशन … Read more

बड़े- भैया – सीमा वर्मा 

‘बबँडर’ यानी ‘ मृगतृष्णा’ का नाच तो आप सबने अपने बचपन में अवश्य देखा होगा मेरी अम्मा कहती थीं, ” वह गर्मी से भरी दुपहरिया में नाचती है और नाचते – नाचते सामने जो भी आ जाता है उसे दो फाड़ कर देती है। जैसे मेरी बड़की अम्मा और बड़े चाचाजी हो गए थे. उस … Read more

बड़ा भाई भी पिता समान होता है : Dr. Ashokalra

मनोज ऑफिस से आया और सोफे पर पसर गया। लिविंग-रूम में माँ के साथ बड़े भैया बैठे कुछ बात कर रहे थे। मनोज ने आँखें बंद कर लीं। पापा के गुज़र जाने के भूचाल के बाद बड़े भैया और भाभी ने ही माँ, स्नेहा और मनोज को सम्भाला था। मनोज से बड़ी स्नेहा के विवाह … Read more

विश्वास बनाम सहयोग – कंचन श्रीवास्तव 

चरण स्पर्श भइया लोक सेवा आयोग से मेरा चयन हो गया , बहुत जल्द ज्वाइनिंग लेटर हाथ में होगा ,  मैं सोचता हूं ज्वाइन करने से पहले एक बार आप लोगों से मिल लूं। का मैसेज पढ़ा जितना तो रवि फूला नहीं समाया,उससे ज्यादा आंसुओं की अविरल धारा में तन मन से भीग गया। और … Read more

भोज – रवीन्द्र कान्त त्यागी 

भोज – रवीन्द्र कान्त त्यागी  “उठ जाओ जी। आज तो तड़के तड़के आप मंगला के लिए लड़का देखने जाने वाले थे। दूर जाना है। देर नहीं हो जाएगी।” “रात भर नींद ना आई मंगला की माँ। क्या करूँ लड़का देखकर। सोचा था जब गेहूं की फसल उठेगी तो दो पैसे हाथ में आएंगे मगर। हाय … Read more

बड़ा भाई तो पिता समान होता है ना – सुषमा यादव

जी हां सही कहा आपने,, बिल्कुल होता है,ना लेकिन सिक्के के दो पहलू भी होते हैं,,हैं ना,,, तो चलिए,,हम आज आपको सिक्के का दूसरा पहलू भी दिखातें हैं,,,,,,, वो छ: भाई थे,,, सबसे बड़े,, श्री माधव जी,, सबसे छोटे,श्री सहदेव जी,,, कहानी, सबसे बड़े और सबसे छोटे भाई के इर्दगिर्द घूमेगी, इसलिए बस इन्हीं का … Read more

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