गैरों में अपनों की परख – मुकेश पटेल

बंसी लाल जी की इलाहाबाद में किराने की दुकान थी।  इसी किराने दुकान से घर भी चलता था और अपने इकलौते बेटे को पढ़ाकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बना दिया था।  बेटा गुड़गांव में एक एमएनसी कंपनी में नौकरी करता है।   गर्मी की छुट्टी में बेटा और बहू दोनों इलाहाबाद आए हुए थे और उन्होंने अपने पापा … Read more

हम थे जिनके सहारे वो हुए ना हमारे – मुकेश पटेल

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संतोष जी बैंक में मैनेजर थे। उनको  दो बेटा और एक बेटी थी  बड़ा बेटा और बेटी की शादी हो गई थी,बड़ा बेटा अपनी पत्नी के साथ अलग फ्लैट लेकर रहता था।  एक दिन उनकी पत्नी राधा जी  का बाथरूम में पैर फिसला और कमर में काफी चोट आ गई डॉक्टर को दिखाया गया तो … Read more

अपनों का साथ

रामप्रसाद जी पुलिस में सिपाही की नौकरी करते थे इस वजह से उनका अपने परिवार के साथ रहना मुमकिन नहीं था क्योंकि उनकी पोस्टिंग दूरदराज के थानों में होती रहती थी। लखनऊ में एक घर किराए पर लेकर अपने पत्नी और बच्चों के साथ रहते थे ।   एक महीने बाद रामप्रसाद जी रिटायर होने वाले … Read more

काश हमने सारे पैसे अपने बेटे बहू को नहीं दिए होते – मुकेश पटेल

New Project 83

साहिल  अपने पापा से गुस्से में कह रहा था, “पापा आप ऐसा कैसे कर सकते हैं कोई बाप  क्या अपने बेटे के ऊपर केस करता है. एक बाप अपने बेटे के लिए जो करता है वह उसका फर्ज होता है मैं भी तो अपने बेटे को पढ़ा रहा हूं उसका खर्चा चला रहा हूं इसका … Read more

मेरा जीवन कोरा कागज था कोरा ही रह गया

जितेंद्र जी अपने घर से जल्दी से तैयार होकर निकले क्योंकि उनकी फैक्ट्री  एक अकाउंटेंट चाहिए था उसी के इंटरव्यू के लिए कैंडिडेट  आए होंगे।  ऑफिस पहुँचकर एक-एक करके कई लोगों का इंटरव्यू लिया लेकिन कोई भी उनको पसंद नहीं आ रहा था जिसको वह अपने ऑफिस में रख सके।  जितेंद्र जी इंटरव्यू ले कर … Read more

नौकरी से रिटायर हुआ हूं जिंदगी से नहीं -मुकेश कुमार

पत्नी की मौत के बाद कमलेश जी बिल्कुल टूट से गए थे उन्होंने सोचा था कि रिटायरमेंट के बाद वह पत्नी के साथ पूरे भारत की तीर्थ यात्रा करेंगे।  नौकरी करते हुए अपनी पत्नी को वक्त नहीं दे पाए थे लेकिन वह अब अपना पूरा वक्त अपनी पत्नी को देंगे  उनकी इच्छा थी कि वह … Read more

हैसियत

रवीद्र जी  जैसे ही दुकान में घुसे दुकान के मालिक चमनलाल ने उन्हें आदर से बिठाया और उनके मना करने के बावजूद लड़के को चाय लेने के लिए भेज दिया.. उसके बाद चमनलाल ने पूछा, “कहिए रवीद्र जी क्या सेवा करूँ रवीद्र जी ने कहा कि एक साड़ी दिखलाइए… रवीद्र जी चमनलाल की दुकान के … Read more

अब तेरे बिन जी लेंगे हम

गौरी ने कभी नहीं सोचा था कि उसकी शादी गांव में हो जाएगी।  उसके पिताजी का दिल्ली के चांदनी चौक में कपड़े की दुकान थी और उसने अपनी पढ़ाई लिखाई दिल्ली में ही की थी, उसे तो लगता था कि उसकी शादी दिल्ली में ही किसी लड़के से होगी। लेकिन गौरी ने जैसे ही ग्रेजुएशन … Read more

रिश्ते भी अकेले रहने से मुरझा जाते हैं

मेरे पति ने कुछ दिनों पहले घर की छत पर कुछ गमले रखवा दिए और एक छोटा सा गार्डन बना लिया। पिछले दिनों मैं छत पर गई तो ये देख कर हैरान रह गई कि कई गमलों में फूल खिल गए हैं,नींबू के पौधे में दो नींबू भी लटके हुए हैं और दो चार हरीमिर्च … Read more

मायके का कर्ज़ – मुकेश पटेल

कंचन का बचपन से सपना था कि वह बड़ी होकर  टीचर बने.  इसलिए उसने जैसे ही ग्रेजुएशन किया उसके बाद उसने B.Ed किया.  B.Ed के रिजल्ट आने से पहले ही उसके पापा के दोस्त ने उसके लिए एक बहुत अच्छा रिश्ता लेकर आए।  लड़का भी सरकारी स्कूल में टीचर था उसके पापा भी सरकारी स्कूल … Read more

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