जब पोती ने दहेज मे दादा जी को मांग लिया – मुकेश पटेल

बिन्नी स्कूल से जैसे ही घर वापस लौटी वो देखती है कि उसके दादाजी अपना बैग पैक कर रहे हैं ।  बिन्नी ने अपने दादा जी से पूछा कि दादाजी आप कहां जा रहे हैं दादाजी ने बताया बेटी  मैं गांव जा रहा हूं और बहुत जल्द ही वापस आ जाऊंगा।  बिन्नी जिद करते हुए … Read more

ये गलियां भी कुछ कहती हैं

“अरी ओ,ई का कान में ठूंसी रहती हो,कुछ पढ़ लिख लिया करो।” “अरे दादी का कह रही हो” ,(कान से हेडफोन निकाल कर उर्मिला पूछती है) “हम ई कह रहे हैं कि ,पढ लो कुछ ,नाहि तो देखत हउ ना इ झाड़ू वाले को , एही करना तुम भी।,” “पर दादी झाड़ू मारने में का … Read more

स्वार्थी माँ – मुकेश पटेल :Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : रजनी बहुत खुश थी क्योंकि उसकी शादी शहर में होने वाली थी उसका ससुराल दिल्ली में था पति भी सरकारी नौकरी करता था इससे ज्यादा रजनी को और क्या चाहिए था।  रजनी तो कभी सोच भी नहीं सकती थी कि उसकी शादी इतने अच्छे घर में होगी।  आखिर वह दिन … Read more

सस्ती खुशियां

कई दिनों से बच्चे रेस्टोरेंट में पिज़्ज़ा खाने जाने के लिए कह रहे थे.  ऑफिस में काम का इतना ज्यादा वर्क लोड था  कि घर आने के बाद फिर कहीं जाने की इच्छा नहीं होती थी।  आज संडे का दिन था तो मैंने बच्चों से कहा कि आज सब लोग तैयार हो जाओ आज चलते … Read more

खुशी चाहिए तो खुशी बांटनी पड़ती है

संतोष कल सुबह जल्दी आ जाना तुम्हें तो पता ही है कि कल मेरी बेटी राधिका का जन्मदिन है और हाँ कल तुम्हें  मेरी बेटी के जन्मदिन की खुशी में ₹1000 एक्स्ट्रा भी मिलेंगे।  वैसे तो संतोष कल छुट्टी करना चाहता था क्योंकि उसके बेटे का भी कल जन्मदिन है उसकी पत्नी 10 साल पहले  … Read more

सोने का हार

अपने मां-बाप की इकलौती बेटी शालिनी बचपन से होनहार थी।  जैसे ही थोड़ी बड़ी हुई वह अपने से छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगी और अपने पढ़ाई का खर्चा अपने ट्यूशन के पैसे से  निकाल लेती थी।   उसके पापा की गांव में ही किराने की दुकान थी।  वह बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती थी … Read more

सच्चा इंसान

बात उन दिनों की है जब मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ा करती थी।  कॉलेज खत्म होते ही कॉलेज के गेट पर एक छोले भटूरे वाले अंकल अपनी रेड़ी लगते थे।  भूख इतनी तेज लगी होती थी कि बिना खाए रहा नहीं जाता था।  एक  दिन की बात है हम चारों सहेलियां ने छोले भटूरे का … Read more

अकेलेपन का दर्द – मुकेश कुमार

मैं ऑफिस में काम कर रहा था तभी मेरी पत्नी का फोन आया कि बाबू जी सीढ़ीयों से गिर गए हैं उनकी रीढ़  की हड्डी मे चोट आई  है तुरंत आपको आगरा जाना होगा। मैंने पत्नी से कहा कि मैंने बाबूजी को लाख बार कहा है कि अब  आपकी उम्र नहीं है अकेले रहने की … Read more

बेटा और बेटा ‘जैसा’ होने में बहुत फर्क होता है

निर्मला अपने पति राकेश को बार-बार फोन लगा रही थी लेकिन राकेश का फोन नॉट रिचेबल आ रहा था। वह अपने IVF रिपोर्ट के बारे में बेसब्री से जानना चाह रही थी। राकेश रिपोर्ट लेने हॉस्पिटल गया हुआ था। उसकी शादी हुये 15 साल हो गए थे लेकिन ऐसा लग रहा है उसकी किस्मत में … Read more

पराई माँ – मुकेश कुमार

विनोद जी का एक ही बेटा था जिसका नाम विकास था। बचपन से ही पढ़ने में बहुत ही होनहार था।  वह हमेशा घर में कुछ न कुछ नए नए प्रयोग करता रहता था। अपने बेटे के प्रयोग को देखकर विनोद जी ने भी मन बना लिया था कि बड़ा होगा तो बेटे को इंजीनियर बनाऊंगा।  … Read more

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