दुविधा – Blog post by anupma

बहुत कश्मकश मैं बैठी थी सिया रेलवे स्टेशन की बेंच पर उसको देखकर कोई भी कह सकता था की उसका बस शरीर ही है आत्मा कहीं और ही विचरण कर रही है । आज बहुत हिम्मत करके पहली बार वो उम्र के 39 वें पायदान पर पहुंच कर खुद के लिए कुछ कर रही थी … Read more

सम्मान की भूख – विनीत मोहिता

बरखा की नई-नई शादी हुई थी, तो वह अपने ससुराल में एडजस्ट होने की कोशिश कर रही थी साथ ही वहां के रीति रिवाज तौर- तरीके भी सीख रही थी।  उसकी सासू मां भी उसे ससुराल में एडजस्ट होने में काफी मदद कर रही थी।  उसकी सासू मां नहीं  चाहती थी की जो तकलीफ परेशानी … Read more

भाभी से मायका – विनिता मोहता

प्यारी बेटिया जब जिम्मेदार बहू बनकर साल भर ससुराल में सब की सेवा सुश्रषा करने के बाद जो कुछ दिन मायके में मां के सानिध्य में बिताती हैं तो बेटियां अपने बचपन को दोबारा  जी कर खुद को पहले से ज्यादा ऊर्जावान महसूस करती हैं| ऐसे ही रुपल कुछ दिनों के लिए गर्मी की छुट्टी … Read more

बहु संस्कारी ही क्यों चाहिए? – मुकेश पटेल

“अरे क्या बताऊं तुम्हें बेटा हमारी तो जिंदगी जैसे-तैसे चल रही है| बहुओं के ऊपर बोझ बनकर रह गए हैं |बहुए भी जब मर्जी आती है खाना देकर चली जाती है वरना हमारे कमरे में कोई झांकने वाला भी नहीं|” सुषमा जी अपनी बेटी रिंकी को यह सारी बातें बता रही थी रिंकी भी  मिर्च … Read more

बहू ये घर मेरे बेटे के पैसे से चलता है – मुकेश पटेल

“सुनो मुझे कुछ पैसे चाहिए पीहू की किताबे आनी है”| कहते हुए विभा ने अपने पति प्रवीण को ब्रेकफास्ट सर्व किया| खर्चे की बात सुनकर प्रवीण का मुंह बन गया और वह फटाफट अपना ब्रेकफास्ट फिनिश करने लगा- “तुम्हें हर महीने खर्चे के लिए पैसे देता हूं | मगर उसके बावजूद भी तुम हर वक्त … Read more

ये घर मेरा ससुराल भी है और मायका भी – मुकेश पटेल

अचानक से संतोष जी की आधी रात में तबीयत खराब हो गई और वह बेहोश हो गए थे.घर में कोई पुरुष नहीं था।  संतोष जी के तीन बेटे थे जिसमें से एक बड़ा बेटा भगवान को प्यारा हो गया था और उसकी पत्नी गायत्री अपने सास-ससुर  के साथ ही  रहती थी जबकि दो बेटे मे  … Read more

बहू, बेटी बनने के लिए तैयार हो तब तो… – मुकेश पटेल

रूबी ने कभी नहीं सोचा था कि उसकी शादी छोटे शहर में हो जाएगी क्योंकि वह दिल्ली जैसे बड़े महानगर में रहती थी।  लेकिन जो किस्मत को मंजूर होता है उसे कोई झुठला नहीं सकता।   रविवार का दिन था दोपहर के समय पापा के दोस्त विनोद अंकल पापा से मिलने के लिए आए हुए थे।  … Read more

मेरी सासू मां कड़वी दवाई की तरह है – मुकेश पटेल

मिथिलेश जी बिजली विभाग में एसडीओ थे और इसी साल सेवानिवृत्त होने वाले थे उनकी पत्नी उर्मिला जी का मन था कि रिटायर होने के बाद वह अपने इकलौते बेटे दुर्गेश जो गुडगांव  की एक आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर था और बहू भी गुड़गांव की ही दूसरी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी.   बेटे … Read more

धुंधली शिकायतें – उमा भगत

ट्यूशन में बैठे -बैठे आशिमा की कमर में दर्द होने लगता है , वो जब अपने कमर को सीधा करती है ,और एक सांस भर्ती है तो उसका वक्ष थोड़ा फूल जाता है। उसे हंसने की आवाज सुनाई देती है , उसके आस पास बैठे लड़कों की आवाज थी । विज्ञान विभाग ,कक्षा ११वी की … Read more

मेरी दीदी बहन कम माँ ज्यादा है – मुकेश पटेल

योगेश नोएडा के  एक प्राइवेट कंपनी में साधारण सी नौकरी करता था और उसकी बड़ी बहन शीतल पुणे के एक कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर थी।   मां की मृत्यु बचपन में ही हो गई थी योगेश को बड़ी बहन ने अपने बेटे की तरह पाला था। शीतल योगेश से उम्र में 15 साल बड़ी थी … Read more

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