मेरी रोज़ -रीता मिश्रा तिवारी
रुक जा तराना ! हम कह रहे हैं भला मन से रख दे नाहीं तो … नाही तो का ज़रा पकड़ कर दिखाओ ही ही ही कर तराना जो लेना था वो लेकर भाग गई । दीनू चिल्लाता रहा अरे कोई पकड़ो उसे, उफ्फ मेरा पचास रुपए का नुकसान कर दिया । एक न एक … Read more