मुंह मोड़ लेना – अर्चना झा : Moral Stories in Hindi

जाने क्या बात हुई कि  सुधा ने फोन का रिसिवर उठाते हुए कहा कि आज के बाद कभी इस नम्बर पर फोन मत करना सुरेश,आज से तुम्हारा और मेरा कोई संबंध नहीं , उधर से हैलो हैलो की आवाज आ ही रही थी कि सुधा ने फोन क्रेडिल पर पटक दिया और बिजली की तेजी … Read more

 अपनापन – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

          मनीष आज मानसिक रूप से बेहद परेशान था,आत्मविश्लेषण करने में परेशानी तो होती ही है।आज स्कूल से आते ही उसके बेटे बबलू ने पूछा पापा ये ताऊ जी क्या होते हैं,किन्हें ताऊ जी कहते हैं? इस अजीब से प्रश्न को सुनकर मनीष ने सोचा कि स्कूल में किसी बच्चे ने अपने ताऊ जी का जिक्र … Read more

 मुंह मोड़ना – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

दिल तोड़ने वाले तुझे दिल ढ़ूंंढ रहा है…. पार्श्व में गाने के बोल मंजरी के कानों में पिघले शीशे से लग रहे थे और वह न चाहते हुए भी आंसुओं के समुद्र में भीगी जा रही थी। रह रह कर वह खूबसूरत पल उसे याद आ रहे जो उसने अमित के साथ गुजारे थे, हाथों … Read more

 ससुराल की खट्टी-मीठी यादें!! – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

कहां से शुरू करुं?  लंबा वक्त गुजर गया  जब पापा की पढ़ाई में डूबी,रहने वाली,एक छोटे से परिवार की बेटी एक बड़े से परिवार की बहू बनी! बहुत डरते डरते ही पापा ने हां बोला था  और डर होता  भी क्यों ना? आखिर जब पापा पहली बार मेरे ससुराल गए थे, सभी भाई, मेरे पूज्य … Read more

 मुझे संयुक्त परिवार में शादी नहीं करनी। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

मानसी, आज शाम को तुझे लड़के वाले देखने आ रहे हैं, कॉलेज से जल्दी आ जाना, मै तो कह रही हूं कि तू आज कॉलेज ही मत जा, ताकि अच्छे से उनके आने से पहले ही तैयार हो सकें और फिर बाकी काम भी तो होते हैं, उनमें भी हाथ बंटा देगी, दादी ने कहा … Read more

 ससुराल – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“सुनयना मिताली दीदी ने अपनी तृप्ति के लिए एक रिश्ता बताया है !” विशाल जी घर में आते ही अपनी पत्नी से बोले। ” देखिए अगर आपको लगता है घर परिवार अच्छा है तो आप आगे बात कीजिए शादी तो हमे तृप्ति की करनी ही है ना!” सुनयना जी पानी लाते हुए बोली। ” बाकी … Read more

 मां ने समझाया था! – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

   मैं किसी प्रख्यात व्यक्तित्व या पद विशेष की स्वामिनी नहीं हूँ। मैं एक सामान्य महिला हूँ। फिर भी एक औसत परिवार में जन्मी महिला विपरीत परिस्थितियों में से निकल कर कैसे अपना रास्ता बना सकती है,यही बताना इस कथा का उद्देश्य है। अक्सर अति ‘आर्थिक अभावों’ को ही संघर्ष का नाम दिया जाता है लेकिन … Read more

 मिला-जुला परिवार – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

कितनी खुश थी कुहू आज, आखिर उसकी शादी उसके मनपसंद साथी आखर से हो रही थी। शादी कर ससुराल आई, तो सबसे पहले पग- पडा़ई के रस्म में उसे परिवार के सभी सदस्यों से मिलवाया गया। सबसे पहले ददिया सास-ससुर, फिर उसके सास ससुर, फिर जेठ जी और जेठानी जी और उनके साथ ही थे … Read more

 संयुक्त परिवार – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

अंजू की शादी संयुक्त परिवार में हुई थी। परिवार में पति के अलावे सास-ससुर,एक जेठ ,दो देवर और एक ननद थी। ससुराल के और परिवार भी पास में ही रहते थे।सभी का आना-जाना लगा ही रहता था।अंजू के पति की नौकरी भी उसी शहर में थी। आरंभ में इतने बड़े परिवार में एडजस्ट होने में … Read more

 संयुक्त_परिवार – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

मधु…..मधु….। मधु को लगा जैसे कोई उसे आवाज लगा रहा है। उसने पलट कर देखा तो उसकी ओर तेज तेज कदमों से चलती उसकी सहेली रेखा आ रही थी। उसके पास आकर हंसते हुए बोली, क्या यार कब से आवाज लगा रही हूंँ। रेल की तरह दौड़ी चली जा रही है। रेखा को देखकर मधु … Read more

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