बेटे की माँ बनना ही काफ़ी नहीं है… – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi
“ये क्या बेटा बाहर से आए हो कपड़े तो बदल लो… आते ही आराम कुर्सी पर आराम फ़रमाने लगे… देखरही हूँ दिन प्रतिदिन तुम बिगड़ते जा रहे हो।” ग़ुस्से में नयना अपने बेटे आदि के कपड़े बदलने की जुगत करती बोली तभी उसने देखा देवरानी अदिति की बेटी इरा खुद ही कपड़े बदल कर अपनी … Read more