खुशियों की जड़ें – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

New Project 59

मां कल हम लोग होटल जाएंगे ….स्कूल से आते ही नमन ने बैग एक तरफ रखतेहुए उत्साह से कहा तो पूर्वी ने खाना गर्म करते हुए पलट कर  प्रश्नवाचक दृष्टि उसकी तरफ डाली। क्यों मेरे हाथ का खाना तुझे अच्छा नहीं लगता क्या !!पूर्वी ने उसकी थाली लगाते हुए कहा। नहीं मां कल न्यू ईयर … Read more

हत्या – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

New Project 59

आज सारी रात सुनीता एक पल के लिये भी सो नहीं पाई। उसको समझ में नहीं आ रहा है कि वह अब क्या करे? उसकी तो सारी पूॅजी ही लुट गई। किसी को बता भी नहीं सकती और बताये बिना गुजारा भी नहीं है। आज नहीं तो कभी तो सबको पता चलेगा ही, तब वह … Read more

मोहताज – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

New Project 59

मै इन्दु, मृत्यु शैया पर पड़ी हुई हूँ ।बहुत उम्र हो गई है ।लेकिन पता नहीं कबतक कष्ट भोगना लिखा है ।पन्द्रह साल की थी तब पिता जी ने एक अच्छा घर वर देख कर ब्याह दिया ।ससुराल में सब अच्छे थे।सासू माँ  नहीं थी।ससुर जी थे।लेकिन और चचेरे परिवार ने खूब प्यार दिया ।मै … Read more

खुद के लिए जिऊंगी – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 59

पिता की मृत्यु के बाद सभी भाई – बहनों में वर्षा ही थी जो घर को सहारा देकर परिवार की बागडोर सम्भाल सकती थी । चार भाई बहनों में वर्षा दूसरे नम्बर पर थी उससे बड़ी निशा थी फिर दो छोटे भाई  महेश और मनीष । पिताजी  ट्यूशन पढ़ाकर अपना गुजारा करते थे ।उससे ही … Read more

पतझड़ – कुमार किशन कीर्ति : Moral Stories in Hindi

New Project 47

रविवार का दिन था। सप्ताह का वह दिन जब पूरा परिवार आराम से अपनी दिनचर्या के साथ बिता सकता है। अवकाश होने के कारण, मैं उस दिन घर के बरामदे में बैठकर चाय पीने का आनंद ले रहा था। आस-पास का माहौल बेहद शांति से भरा हुआ था। मेरे घर का स्थान सड़क के किनारे … Read more

दान धर्म – हेमलता  : Moral Stories in Hindi

New Project 47

मां ..यह सब क्या नाटक है हर शनिवार को आप मंदिर आती हो और बस बाहर बैठे इन भूखे नंगो के लिए आपका दान धर्म शुरू हो जाता है, ऐसे करके तो आप एक दिन हमको कंगाल कर दोगी, हर चीज एक निश्चित सीमा में हो तो ठीक रहता है आपको तो लाना ही बेकार … Read more

मोहताज वाली जिंदगी – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

New Project 47

मम्मी, निवेदिता दीदी आई है! चाहत में अपनी सास रमा जी से कहा,  रमा जी:  क्या? निवेदिता? वह लोग आ गए मनाली घूम कर? चलो पूछती हूं, यह कहते हुए रमा जी दौड़ती हुई अपने कमरे से बाहर आई, फिर कहा अरे निवेदिता तुम लोग कब आए मनाली से?  निवेदिता: कल ही आई मम्मी और … Read more

मोहताज – रेखा जैन : Moral Stories in Hindi

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“इस बार फिर से नमन ने 4000 रुपए ही दिए है।  इसमें हम दोनों पूरा महीना कैसे निकालेंगे?   घर खर्च के अलावा हमारे अपने कुछ खर्चे नहीं है क्या?   छोटी छोटी जरूरतों के लिए उसके आगे हाथ फैलाना अच्छा नहीं लगता!” शोभा जी अपने पति महेंद्र जी से कह रही थी। उनके परिवार … Read more

अपनी कीमत – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

New Project 94

अनपढ़ रागिनी के स्वाभिमान को आज बहुत बड़ा धक्का लगा। बचपन से लेकर आज तक की जो उसकी ज़िंदगी है, उसकी मर्ज़ी की है कहाँ? शायद इसलिए वो इतना, और बार-बार जलील हो रही है। सासू माँ ने कहा, “जायेगी कहाँ, दो अक्षर का ज्ञान भी नहीं है, और न कोई हुनर, न इल्म। खायेगी … Read more

मोहताज… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

New Project 95

…निम्मी ने रोज की तरह… बाहर से ही आवाज लगाया… “रिया हो गया… जल्दी चलो…!”  रिया के घर का दरवाजा खुला ही था… अंदर उसके भैया बैठे हुए थे… बिल्कुल दरवाजे के सामने… उनकी नज़रें निम्मी पर थी…  निम्मी थोड़ा बगल हट गई… रोज का हो गया था… वह जब भी रिया को बुलाने आती… … Read more

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