प्रेमरूप – वीणा

New Project 2024 04 29T215107.227

  बलचनवा गरदन में गमछा लपेटते हुए फगुनिया से बोला, ” फगुनिया तुम अभी तक नाराज हो.. गोइठा पाथती फगुनिया कुछ नही बोलती, हाँ गोइठा पाथते समय फगुनिया की कलाई की चूड़ियां खनखना रही थी, लेकिन फगुनिया का उदास चेहरा छुप नही रहा था। बालचन फिर बोला… तुम ससुराल से आई हो कुछ खाजा टिकरी … Read more

मायका- अनुमित्तल “इंदु”

*मायका *शब्द सुनते ही भावुक हो जाती है हर स्त्री। मायका चाहे छोटे से गांव में हो या बड़े शहर में,हर औरत को ख़ास लगाव होता है।  मुझे याद है मम्मी जब अपने मायके जाती तो नानी मामा मामियाँ सब पलकों पर लिये रहते। कितने कितने दिन मायके में लगाकर आतीं। ढेर सारे उपहार और … Read more

मैं नाराज़ नहीं हूं पापा – सुषमा यादव

New Project 34

एक बेटी के मन के भाव,,जो वो ना कह‌  सकी,, ,, बेटी दिल्ली में अपने पापा के साथ , मेडिकल प्रवेश की काउंसिलिंग में आई थी,, वहीं पर एक लड़के ने उससे बात करते हुए कुछ जानकारी चाही,, उसके पापा ने दूर से देखा और आकर गुस्से से कहा,, कि, ये लड़का तुमसे क्यों बात … Read more

रौनक – कंचन श्रीवास्तव

New Project 35

वर्षों से तड़पती भीतर से टूटी मां को कैसे भी करके पहले जैसे बनाना ही होगा चाहे जो भी हो जाए बहुत हो गया तड़पना रोना परेशान रहना। मैं देखती हूं हर रोज वो तिल तिल होके मर रही हैं मिल बैठकर बात तो करनी ही होगी भले  थोड़ी नोक झोंक  हो  पर हम समझते … Read more

 सौगात – दीपा साहू “”प्रकृति”

New Project 36

इतनी लंबी उम्र गुजर गई और कृष्ण तुम वहां बैठे – बैठे मुस्कुराते रहे और बस देखते रहे।हाँ मानती हूँ तुमने मुझे हमेशा मुसीबतों से बचाया है।पर कभी तुम्हें मेरे अंदर निरन्तर पलते दर्द पर कभी दर्द नहीं होता ? हाँ कृष्ण तुम्हें नहीं होता! तुम बस बाँसुरी बजाते अपनी लीला रचते रहो।क्या मेरे कर्म … Read more

हम दोनों – मुकेश कुमार (अनजान लेखक)

New Project 37

कॉलेज पास करने के बाद जो सबसे बड़ी चुनौती थी वो ये नहीं थी की जिससे बचकाना प्रेम किया उससे शादी होगी या नहीं?(हो जाता है न कॉलेज में, वो फ़िल्मी वाला प्यार, हिरो और हिरोईन प्यार किए, फिर घरवालों ने शादी करा दी… कहानी ख़त्म) बल्कि चुनौती थी तो बस ये की छोटे शहर … Read more

दिल का रिश्ता – उमा वर्मा

New Project 38

पता नहीं था कि वह अचानक  यूँ मिल जायेगा ।फेसबुक टटोलते अचानक फ्रेंड रिक्वेस्ट में आ गया वह ।और फिर हाय, हैलो से हमारी बात का सिलसिला शुरू हो गया ।वाट्स एप के जरिए ।मैं भी तो बचपन से लेकर कालेज के दिनों में जीने लगी थी ।वह हमारे सामने के मकान में रहता था … Read more

हमारी अनोखी मित्रता – पायल माहेश्वरी

  हर साल जब मायके जाने की आती हैं बारी मन में खिल जाती नवीन खुशियों की फुलवारी !!   मायके का लगाव उम्र के किसी भी पड़ाव पर कम नहीं होता हैं और  बचपन की अनगिनत अच्छी बुरी यादें मायके में जाकर फिर जीवन्त हो उठती हैं।      इस साल भी जब मायके जाने … Read more

 अभिमान – गोविंद गुप्ता

New Project 40

रूपेश और राज घनिष्ठ मित्र थे बचपन से साथ ही पढ़े और विश्वविद्यालय की पढ़ाई तक साथ ही रहे,तभी एक सरकारी कम्पनी के एक बड़े पद हेतु आवेदन अखबारो में छपा तो दोनो ने फार्म भर दिया पर बताया नही एक दूसरे को इण्टव्यू पर दोनो ऑफिस में मिले, तो आश्चर्य हुआ राज बोला मैंने … Read more

चार बादाम – नीरजा कृष्णा

“मम्मी जी, मैं तो युवान से तंग आ गई हूँ। बहुत परेशान करने लगा है।” एक घंटे से उसका होमवर्क लिए बैठी मनीषा परेशान होकर चिल्ला पड़ी थी। बात दरअसल ये थी कि लॉकडाउन के कारण वो उसे खेलने के लिए पार्क में नहीं जाने देती थी और ना ही उसके कोई बालसखा घर पर … Read more

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