मायका – नीरजा कृष्णा
“देख विदिशा, इस बार राखी पर तुझे यहाँ आना ही पड़ेगा। भला ये भी कोई बात हुई…भाई की कलाई पर इकलौती बहन की राखी ना सजे।” सुबह सुबह ही मम्मी का फोन आ गया था। उधर वो गहन धर्मसंकट में पड़ी हुई थी। जब जब मम्मी फोन पर आने का आग्रह करतीं…मन तो मायके की … Read more