“उलझन,” – मिनाक्षी राय 

लता आज बहुत परेशान थी उसकी उदासी और परेशानी उसके चेहरे पर साफ झलक रही थी l लता आज इस बात से परेशान थी, कि क्या इस बदलते माहौल में संयुक्त परिवार का एक साथ रहना कोई गुनाह है क्या?? आज लता अपने लिए जब नए घर के मालिक से मिलने गई तो उसका पहला … Read more

गोश्त और रोटी – रचना कंडवाल

उसने दाम चुकाया था, एक लाख रुपए। वो लड़की केवल सत्रह साल की थी। सुंदर, दुबली पतली, चेहरे पर उदासी उसकी खुद की बेटी से एक साल छोटी। उसके पास पैसा था और कुछ था तो रूखी बीवी की बेरुखी। इसने औरत के प्रति उसके मन में बेहद नफरत भर दी थी। उसका बदला उसने … Read more

वो “अपनी” सी – तृप्ति शर्मा

लिफ्ट की तरफ जाते हुए ,उससे लगभग टकराने से बची थी मैं, बचाने के लिए अपना हाथ दिया उसने, परिचित सा वो अहसास ,,जिसे सालों से जीने के लिए बहुत जतन किए थे मैंने। वही चेहरा,वैसी ही बड़ी बड़ी आंखें, जिंदगी जीने की चाहत लिए । आप ठीक तो है उसकी आवाज सुनी तो दबे … Read more

मैं तुम्हारी बुआ तो हूँ ही आज से माँ भी हूँ- अनुपमा

New Project 95

सभी लोग बहुत खुश है ,चारों तरफ हसी खुशी का माहौल है ,खाने की खुशबू फिज़ा मैं फैली है ,चारों तरफ जोर शोर से तैयारियां चल रही है , हर कोई व्यस्त है । निधि बेसब्री से इंतजार कर रही है आज कानपुर से उसके मायके से पूरा परिवार आ रहा है । उसके दोनो … Read more

मायका अब भी है  – गीता वाधवानी

New Project 96

 पिछले साल जब ज्योति की मां का देहांत हुआ था, तब उसे लगने लगा था कि अब मेरा मायका नहीं है। मां के बिना कैसा मायका? उसकी बड़ी भाभी पदमा उसके मायके आने पर सीधे मुंह बात तक नहीं करती थी, तो फिर छुट्टियों में उनके साथ कैसा रहना और समय बिताना। छोटे भाई मनोज … Read more

अजीज दोस्त – मीनू जायसवाल

New Project 97

#मायका  मैं रश्मि गुवाहाटी की रहने वाली एक साधारण सी लड़की बचपन से चंचल और हंसमुख स्वभाव की लड़की जो अब बिल्कुल संजीदा और शांत रह रही थी और दिल्ली में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर रही थी कॉलेज की छुट्टियां शुरू हो चुकी थी और हॉस्टल की भी सभी लड़कियां अपने अपने घर जा … Read more

धुंधली यादें –  प्रीती सक्सेना

        इस बार का विषय, बहुत रुलाएगा,, मुझे,, मातृविहीन बेटी,,, मम्मी के साथ बिताए दिनों को याद करेगी,, और आप सबके साथ अपनी भूली बिसरी स्मृतियों को सांझा भी करेगी।      अपनी शादी के चौथे साल ही,, मां के आंचल से छूट गई मैं,, हां,वो तीन साल जो मम्मी के सानिध्य में गुजारे,,, वो आज 33 साल … Read more

 बहू का भी मायका होता है – नीलिमा सिंघल

New Project 99

मनीषा खुशी खुशी अपना काम मशीन की तरह निपटाए जा रही थी आज उसको अपने मायेके  जाना था, वो चिन्तामुक्त थी क्यूंकि उसकी सासु माँ ने बताया था कि कुछ दिन सिम्मी नहीं आएगी । सिम्मी मनीषा की इकलौती नन्द थी पर 100 के बराबर थी पूरे ससुराल में उसी का हुकुम चलता था सिम्मी … Read more

पीहर की खुशबु – नीलिमा सिंघल 

New Project 100

पीहर ये नाम आते ही हर लड़की का मन तड़पने लगता है पर निशा को कभी भी पीहर से लगाव नहीं रहा उसने पहले आए रिश्ते पर ही हाँ कर दी क्यूंकि वो इस पीहर रूपी जेल से छुटकारा चाहती थी, चौंक गए ना आप सब, निशा के लिए उसका पीहर बाबुल का घर कभी … Read more

सरिता – भगवती सक्सेना गौड़

सरिता के मोबाइल की घंटी बहुत देर से हल्ला मचा रही थी, दौड़कर बोली, “हल्लो, मम्मा, कैसी हो।” “ठीक हूँ, बेटा, तुमसे बात करने का मन कर रहा था, रातभर व्याकुल रही।” “अरे क्या हो गया, कुछ गाने, भजन सुन लो, कारवां ऑन करो, तुम्हे तो गाने बहुत पसंद है।” “अरे वो सब ठीक है, … Read more

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