मायके का विकल्प – डा. पारुल अग्रवाल

#मायका-  नीरू और उसके बच्चों की गर्मी की छुट्टियां शुरू होने वाली थी, उसकी सारी दोस्तों और बच्चों के भी दोस्तों ने नानी के घर जाने के लिए टिकट करा लिए थे। पर नीरू के लिए ये समय हर साल बहुत कसक वाला होता था । बच्चें भी उससे पूछते कि सब लोग अपने नाना-नानी … Read more

जीरो साइज़ –  के कामेश्वरी

New Project 99

मानवी रोते हुए घर के अंदर आती है और अपने कमरे में जाकर दरवाज़ा बंद कर लेती है । मानवी की माँ सरस्वती रसोई में खाना बनाने में व्यस्त थीं उन्हें मालूम ही नहीं चला कि मानवी कब घर आ गई है ।दोपहर हो गई और मानवी का कहीं पता नहीं था । उसको फ़ोन … Read more

ईमान – उषा गुप्ता

“भैया,रिक्शा जरा जल्दी चलाओ ना !” मिसेज गोस्वामी उतावली हो रही थी अपने बेटे और पोते को देखने के लिए। ” अरे भागवान ,रिक्शा ही तो है हवाई जहाज नहीं …बस पहुंचने ही वाले हैं।” मिस्टर गोस्वामी ने दिलासा देते हुए कहा। जैसे ही रिक्शा बड़ी सी कोठी के गेट पर रुका ,दोनों ने फटाफट … Read more

लकीर के फकीर  –  डॉ अंजना गर्ग

“अन्नू तुम घर में बैठी हो, क्या नमानी एकादशी के नाम का शरबत गरीबों को पिला आयी या अभी जायेगी ?” संतोष ने अन्नू के घर में घुसते ही अन्नू पर कई प्रश्न दाग दिए। ” नहीं , पर आज ही क्यों संतोष ? अन्नू ने सहज भाव में पूछा। ”  आज के दिन का … Read more

विक्रम- बेताल (भाग 1) – साधना मिश्रा समिश्रा

सरसराती हवा, अमावस्या की रात, जंगल से उठती सांय-सांय की आवाज… कभी कोई  वानर कूद जाता पेड़ की डगाल से सोते-सोते तो ऐसा लगता कि तूफान ही आ गया है । लेकिन विक्रम तो ठहरा हठयोगी, निर्विकार,  निर्विचार…पर निर्विचार तो कोई भी नहीं होता है। हाँ…यह सत्य है कि निर्विचार तो कोई नहीं होता है…कोई … Read more

आत्म विवाह (self marriage) – गरिमा जैन

मांग में सिंदूर ,हनीमून का पैकेज, मेहंदी, हल्दी ,सारी रस्में! पर साथ कोई भी नहीं !हमसफर कोई नहीं!.आज अखबार में जब पढ़ा कि गुजरात की एक 24 वर्षीय लड़की ने आत्म  विवाह यानी खुद से शादी करने का फैसला किया है तो मन बहुत कुछ सोचने पर मजबूर हो गया । ऐसा विवाह भारत के … Read more

समझदार -अनुज सारस्वत

“आकृति आखिरी बार कह रहा हूँ मान जाओ ,तुम्हारे चक्कर में कितना किया है मैने ,अपना शहर छोड़कर तुम्हारे शहर में कोर्स करने के बहाने आया ,चार साल का रिलेशन है ,तुम्हें बहुत चाहा है मैनें और तुम कह रही हो अब कोई रिलेशन नही रखना तुम्हें करियर बनाना है ,अपने घर वालों के हिसाब … Read more

गुलाबजामुन – नीरजा कृष्णा

घर में खूब हँसी खुशी का माहौल है,हो भी क्यों ना! आज रवि की बहू मधु की मुँहदिखाई की रस्म होने जा रही है| पास पडौ़स की महिलाऐं तथा घर की सब बड़ी बुजुर्ग महिलाऐं एकत्रित हो गई थी,अद्वितीय रूप की मालकिन मधु की सब बलैया ले रही थी,वो सबको बहुत पसंद आई ।मालती जी … Read more

भरवाँ बैंगन – नीरजा कृष्णा

“अरे, सुबह से क्या खटर पटर कर रही हो?” अलसाए हुए माधव जी ने अपनी पत्नी मीरा को टोक ही दिया।   “वो… वो…कुछ खास नहीं। आज मोतियाबिंद का ऑपरेशन होना है। फिर आठ दस कुछ देख सुन नहीं पाऊँगी ना।”   वो चिढ़ गए,”इतनी सुबह फ्रिज में क्या हीरे मोती देख सुन रही हो?” … Read more

पापा की परी –  ऋतु अग्रवाल

New Project 66

आजकल यह शब्द बहुत सुनने को मिलता है पापा की परी।तो मेरी कहानी इसी “पापा की परी” पर आधारित है।     मृदुला और निशी अपनी स्कूटी से बाजार जा रहे थे। उनके पीछे वाली स्कूटी पर दो लड़के बैठे थे जो कोई वीडियो बना रहे थे। काफी देर से मृदुल और निशी की स्कूटी आगे-आगे और … Read more

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