वो जब याद आये तो बहुत याद आये – नूतन गर्ग
किरन के पापा जो उसके सबसे करीब रहे। उनके साथ बिताए आखिरी लम्हे, जो वह कभी भुला नही पाएगी। आज़ भी जब वो मंजर उसकी आंखों के सामने से गुजरता है, तब उसकी आंखों से पानी की बूंदें गालों पर ऐसे पड़ जाती हैं जैसे मोती की बूंदें। वे तो अब इस दुनिया में नहीं … Read more