वो जब याद आये तो बहुत याद आये – नूतन गर्ग

किरन के पापा जो उसके सबसे करीब रहे। उनके साथ बिताए आखिरी लम्हे, जो वह कभी भुला नही पाएगी। आज़ भी जब वो मंजर उसकी आंखों के सामने से गुजरता है, तब उसकी आंखों से पानी की बूंदें गालों पर ऐसे पड़ जाती हैं जैसे मोती की बूंदें। वे तो अब इस दुनिया में नहीं … Read more

*संघर्ष अभी शेष है* -सरला मेहता 

” माँ माँ ! अब पापा तो वापस नहीं आएँगे, आप कितने भी आँसू बहाओ। चलिए कुछ खाकर दवाई  ले लीजिए। ” गर्विता, माँ वसुधा को दिलासा देते हुए कहती है।  अभी अभी दोनों लौटी हैं गणतंत्र दिवस  समारोह से। आज गर्विता क पिता शहीद मेजर पुनीत मेहरा जी को मरणोपरांत परमवीर चक्र सम्मान से … Read more

बस्ता – गुरविन्दर टूटेजा

रवि अपने बस्तें में किताबे डाल रहा था पर किताबे कही ना कही से वापस बाहर आ रही थी….ये देख क्लास मे सभी उसकी हँसी उड़ाने लगे तो उसने जैसे-तैसे बस्ता संभाला और घर की तरफ निकल गया…!!!! पर घर जाकर उसने चुपचाप बस्ता ले जाकर एक कोने में रखने लगा तो कला ने देख … Read more

तपस्या – विभा गुप्ता

#बड़ी_बहन          मंच पर उद्घोषक महोदय ने जैसे ही संजीव का नाम पुकारा, पूरा हाॅल तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा।सिविल सेवा की परीक्षा में द्वितीय स्थान प्राप्त कर संजीव ने अपने परिवार का ही नहीं, ज़िले का भी नाम रोशन किया था।इसी खुशी में शहर के एक प्रतिष्ठित सभागार में उसे सम्मानित किया जा रहा … Read more

मम्मी – सोनाली श्रीवास्तव

रात को सोते सोते अचानक फिर अपने गाल पर मम्मा के हाथ का स्पर्श महसूस किया वहीं नरम गुदगुदी मोटे से हाथ वही गर्माहट वही रेशम आंखों से आंसू अपने आप बह निकले। मानों वह  बस हमेशा यूं ही तैयार रहते हैं बरसने के लिए।   पूरे 569 दिन हो चुके हैं मां को गए  पर … Read more

लकवा मार गया है: मुकेश कुमार (अनजान लेखक)

बात तो वो भी सही थी न पल्लवी? क्या सही थी, बीना सोचे समझे कुछ भी बोलते रहते हो। अरे भई मैंने तो इतना कहा न की अगर मेरे पास सरकारी नौकरी नहीं होती तो तुम्हारी शादी योगेश से हो जाती। हुई नहीं न? तो फिर क्यों उस बात को उकसाते रहते हो? और वैसे … Read more

आम – अनुपमा

राधा की शादी स्युंक्त परिवार मैं हुई थी , सामान्य परिवार की तरह ही था उसका परिवार , मिडिल क्लास , ना बहुत कम न ही बहुत ज्यादा , सुघड़ता से परिवार चलाने पर कमी नही थी किसी चीज की  राधा के सास ससुर , देवर , ननद , दादी सास , एक नौकर जो … Read more

शर्त – डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा

बड़ी बहन दीदी…जैसे ही ऑटो से उतरी घर के सब लोग बाहर निकल कर आ गये। सब ने एक -एक कर उनके पांव छुए। बड़े भैया ने उनका सामान उतरवा कर बरामदे में रखवा दिया। भाभी उनका हाथ थामे अंदर ले आईं। वह दौड़ कर एक ग्लास में पानी और दूसरे में लस्सी लेकर आ … Read more

मूक भाषा – पूनम वर्मा

“बंटी बेटा ! अपनी मम्मी को बुला ला । कहना , मुन्नी को भूख लगी है, बहुत रो रही है, जल्दी आये ।” कहते हुए दादी ने बंटी को भेजा और खुद मुन्नी को चुप कराने की कोशिश करने लगी । तभी शुभा आई और अपनी दस महीने की बच्ची को दूध पिलाने ले गई … Read more

क्या कोई आयेगा? – दर्शना जैन

कई बार अमरदीप काम से लौटता और उसका अपनी पत्नी उर्मिला पर जरा-जरा सी बात पर चिल्लाना शुरू हो जाता। उर्मिला को बुरा लगता तो उसकी सास कहती,” समझा करो बहू, काम कर करके थक जाता है बेचारा अमरदीप, फिर उसे काम का तनाव भी कितना होता है। ऐसे में कभी अगर वह चिल्ला भी … Read more

error: Content is Copyright protected !!