क्या सच मे भारतीय नारी कमजोर है – संगीता अग्रवाल 

” हैलो मिसेस नमिता जी मैं सिया की क्लास टीचर रेनू बोल रही हूँ !” नमिता के फोन की घंटी बजने पर जब उसने फोन उठाया तो सामने से आवाज़ आई। ” जी मेम बोलिये !” नमिता ने आदर पूर्वक कहा। ” क्या आप अभी स्कूल आ सकती है मुझे कुछ जरूरी बात करनी है … Read more

 “और भी हैं राहें ” – सीमा वर्मा

साथियों यह कहानी सौदामिनी और नन्हे बच्चे ‘ बंटी’ की है। जिसकी ममा और डैडी की मृत्यु अचानक ही हो गई है … आगे पढ़ें… रोज सुबह नियमानुसार सूरज उगता है। सांझ को डूब जाता है। अब तो सौदामिनी ने अपनी परिस्थितियों से  समझौता भी कर लिया है। सोचती है … ‘ जब किस्मत ने … Read more

“यह कैसा समझौता” – ऋतु अग्रवाल

“सुरभि, आज तू अपनी भाभी के साथ बाजार चली जा, अपने लिए एक सुंदर सी साड़ी ले आ और थोड़ा पार्लर से भी अपनी ग्रूमिंग करा लेना।” उमा ने सुरभि से कहा।       “पर क्यों माँ?” सुरभि ने पूछा तो मीरा हँस पड़ी।       मीरा सुरभि की भाभी है।      “ननद रानी, वह इसलिए कि कल आपको देखने … Read more

पापा जी !सेहत से समझौता ना बाबा ना  – ज्योति आहूजा

सुधीर और मधु जी के घर में आज ढोल नगाड़े और शहनाई की गूंज सुनाई दे रही थी| दिल्ली का खाता पीता पंजाबी परिवार था सुधीर खुराना जी का| परिवार में उनके अलावा पत्नी मधु जी और एक बेटा राहुल थे| खाने के काफी शौकीन थे खुराना जी| तरह तरह के पकवान उनके घर में … Read more

दुआ करूंगा आपकी बिटिया को अपनी भावनाओं से समझौता ना करना पड़े..  – सविता गोयल

“सुनिए जी, कल हम दोनों को रायपुर जाना पड़ेगा भात न्यौतने के लिए । अब राशि की शादी को सिर्फ पंद्रह दिन रह गए हैं । ये तो जरूरी रीत है तो जाना जरूरी है । ,, हिचकते हुए हेमा अपने पति से बोली। “क्या हेमा,  ये सब तुम औरतों के बनाए नियम कानून हीं … Read more

हम मिलकर इस मुश्किल वक्त को पार कर लेंगे – संगीता अग्रवाल 

“राधिका कल से एक ही सब्जी बनाया करो!”खाना खाने बैठा मनन प्लेट में दो सब्जी देख बोला। “अरे रोज ही तो दो बनती हैं एक आपकी पसंद की एक बच्चों कि पसंद की आज कौन सा बड़ी बात है!”मनन की पत्नी मुस्कुरा के बोली। “वो राधिका मेरी नौकरी चली गई और जो थोड़ी सेविंग हैं … Read more

*अबूझा रिश्ता* – सरला मेहता

यशोधराराजे ने एक  समारोह में जब से स्वर्णिमा को देखा, उसको भुला नहीं पा रही है। हिरनी सी आँखे, सुती हुई नासिका और कमर से नीचे झूलते केश। कंचन काया किसी जेवर की भी मोहताज़ नहीं। उसके सहज सरल स्वभाव की तारीफ़ करते पति से मन की बात कह डाली, ” शौर्यवीर की जीवनसंगिनी मुझे … Read more

माँ अब इस घर पर मेरा नहीं भाभी का हक है – सविता गोयल 

सुनैना जी  –  ” सुमन.., तू कब आ रही है यहाँ बेटा..?? ??,, सुमन  –   ” माँ अभी कुछ दिनों तक तो आ नहीं पाऊंगी। राघव पर काम का बहुत लोड है इस वक्त  ….. ।,, ” ओ हो सुमन ……. सावन आने वाला है..तेरी भाभी के लिए और अपने लिए कुछ साड़ियां भी … Read more

सपनों से समझौता – अनीता चेची

  पांच भाई बहनों में पहाड़ों के बीच छोटे से गांव में पली बढ़ी नीता का  आईएएस अधिकारी बनने का सपना  था। गांव में खारा पानी होने के कारण पीने का पानी  दूसरे गांव से लेने के लिए दूर जाना पड़ता था। पिताजी कृषि और पशुपालन का कार्य करते, इन सब असुविधाओं के बीच उसने ने … Read more

 कब तक – मधु शुक्ला

“भैया क्या आपके पास पाँच दस लाख रुपये नहीं हैं। छोटे भैया कितनी बार फोन लगा चुके हैं। उन्हें अपना कर्जा चुकाना है। आप कुछ जबाव ही नहीं देते। ”  गायत्री की बात सुनकर विकास चिढ़ कर बोला “तुम्हारे छोटे भैया को पैसा माँगने के सिवाय कुछ आता है क्या। कोई न कोई बहाना बना … Read more

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