गुरु दक्षिणा – विजया डालमिया
“भैया, रुद्रप्रयाग चलोगे क्या”? इस आवाज ने देविका को पलट कर देखने पर मजबूर कर दिया ।यह वह आवाज थी जिसे वह लाखों में भी पहचान सकती थी । एक आड़ में छुप कर वह उसे देखने लगी। टैक्सी वाले के मना करने पर वह आगे बढ़ने लगा ।उसने देखा…” हाँ वही है ।आज भी … Read more