बुरी बहू कैसे बनी? – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

New Project 47

अरे नैना बेटा! कैसी हो? सब्जियां लेने आई हो? आज तुम्हारी सास को नहीं भेजा? उनकी तबीयत तो ठीक है ना? नैना के मोहल्ले में ही रहने वाली अर्चना जी ने कहा  नैना: हां काकी, मम्मी जी बिल्कुल ठीक है और वह मंदिर गई है, इसलिए मैं सब्जी लेने आई हूं।  अर्चना जी:  बेटा! तुम … Read more

आँखों पर पड़ा पर्दा : Moral Stories in Hindi

New Project 47

  ” महारानी को घर आने की फुर्सत मिल गई..मैं पहले से ही जानती थी कि तू पढ़ाई के बहाने कहीं नैन-मटक्का करने जाती है..स्कूल से कोई इस समय घर लौटता है क्या?” घड़ी की सुई पाँच पर टिकते देख लाजवंती रेखा पर चिल्लाई।    ” वो चाची…।” रेखा को बोलते देख घनश्याम ने उसे चुपचाप अंदर … Read more

आत्मलाप – डाॅ उर्मिला सिन्हा  : Moral Stories in Hindi

New Project 58

नियति कैसा कैसा खेल खेलाता है…जिसे इंसान का दंभी मन समझ नहीं पाता। जब अपना कर्म सामने आता है तो सिर्फ पछतावे के कुछ भी हासिल नहीं होता।   अपने कमरे के बेड पर छटपटाते…एक घूंट पानी के लिए तरसते… अपनों की मीठी बोली की  आस लिये रमेश बाबू तड़प रहे थे। “क्यों आज कैसा दिल … Read more

जो अपने माँ बाप का दिल दुखाते हैं भगवान उन्हें जरूर सजा देते हैं – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

New Project 58

राजेश्वरी अपने कमरे में पूजा करके आकर बैठी ही थी कि उसे लगा कि उसके सामने से किसी ने कुछ फेंका है देखा तो समाचार पत्र था। यह यहाँ कैसे कुछ सोचने से पहले उसके बड़े. बेटे राजन की तेज आवाज सुनाई दी कि अब आपका पेट भर गया पूरे शहर में मेरी थू थू … Read more

नेलपॉलिश बनाम लिपस्टिक – उमा महाजन  : Moral Stories in Hindi

New Project 43

  रमा जी ने किचन का सारा काम समेटा और बैड रूम में आईं। बिस्तर पर बैठकर जैसे ही उन्होंने अपनी रजाई खोली कि उनके दाहिने हाथ की एक उंगली के नाखून में रजाई के गरम गिलाफ का एक हिस्सा फँस गया। मुँह से ‘उफ्फ़’ की आवाज निकालते हुए उन्होंने बड़ी सावधानी से उसे निकालकर अपने … Read more

हमारे लिए संस्कारों में कोई कमी रह गई – मंजू ओमर: Moral Stories in Hindi

New Project 58

तुमने अपने बड़े भाई और भाभी का बहुत अपमान किया गौरव, तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था बेटा।घर आए मेहमान का इतना बड़ा निरादर कैसे किया तुमने। ऐसे संस्कार तो न दिए थे हमने तुम दोनों को और गौरव चुप था कुछ बोल न रहा था। फिर गौरव के पापा विनोद जी ने डांटा कुछ … Read more

घर की इज्जत – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

New Project 41

सरिता वैसे स्वभाव से बहुत अच्छी थी बस उसकी एक ही बुरी आदत थी कि वो हर किसी के व्यक्तिगत मामलों में दखलंदाजी करती थी(चाहे वो रिश्तेदार हों या फिर अड़ोसी पड़ोसी)जैसे-बच्चे घर का काम क्यों नहीं करते?बेटियों को ज्यादा देर तक घर से बाहर नहीं रहना चाहिए,बहुओं को ज्यादा छूट नहीं देनी चाहिए..वगैरह वगैरह..!!! … Read more

फरिश्ता – सुनीता माथुर  : Moral Stories in Hindi

New Project 47

खुशनुमा माहौल था चारों तरफ शहनाइयों की गूंज से वातावरण संगीतमय हो गया था, शादी के मंडप में पंडित जी मंत्र उच्चारण करने के लिए तैयार बैठे थे और फेरे करवाने की तैयारी कर रहे थे साथ में दूल्हा भावेश भी बैठा हुआ था पंडित जी बोल रहे थे दुल्हन को जल्दी से बुलाओ फैरों … Read more

सजा किसी भी रूप में हो सकती है – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 58

मम्मी पापा…. आप क्या करेंगे मेरे साथ चलकर मैं कोई पहली बार बाहर थोड़ी जा रहा हूं माना कि मेरी पहली नियुक्ति है और वह भी इतने बड़े शहर में  किंतु में इतने सालों से बाहर शहर में ही तो रह रहा हूं मेरी सारी पढ़ाई बाहर शहर में ही हुई है तो मैं सब … Read more

घर की इज्जत – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

New Project 47

यशोदा•••! जहां तक•• मैं समझता हूं– तो•• तिलक सही कह रहा है•• एक बार हमें उसके कथन पर विचार करना चाहिए••!  देखो जी•••” मैं तो बिल्कुल भी इस बात के लिए राजी नहीं हूं•• यदि गांव वालों को पता चला तो क्या इज्जत— इज्जत जाएगी नहीं•• बल्कि” घर की इज्जत”घर में ही रहेगी•••! बीच में … Read more

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