पहाड़ों में कैद रूह – आशा झा सखी : Moral Stories in Hindi

New Project 47

ये जीवन भी अजब दास्तां है। कब क्या किसके साथ हो जाये क्या पता। साथ चलता साथी कब फिसल कर दूर हो जाये कुछ कहा नहीं जा सकता । ये जीवन भी एक पहाड़ की तरह है ,जिस पर चढ़ कर शिखर तक पहुंचना ही जीवन का उद्देश्य लगता है। सभी इसी भावना के साथ  … Read more

नया उगता सूरज – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

a cinematic cartoon style medium shot of a 60 year 7LFNrG9LSMy3sW3rWra4HA qkewGiizT2ipEhP4FBp5Fg

 आज मास्टर जी का बिस्तर से उठने का मन ही नही कर रहा था,पूरा शरीर टूट सा रहा था।अंदर से लग रहा था बुखार आ गया है।वे लेटे रहे।सामान्यतः मास्टर जी सुबह जल्द ही उठ जाते हैं, पर आज सूरज चढ़े तक भी बिस्तर से उठ ही नही पाये।तभी रसोई घर से खटर पटर की … Read more

घर की इज्जत – सीमा प्रियदर्शनी सहाय : Moral Stories in Hindi

New Project 48

आलोक जी गुस्से से लाल हो रहे थे ।उनकी इकलौती बेटी आखिर इतना कुछ बोलने की हिम्मत कैसे कर सकती है कि उसे ऋषि पसंद है! आज सुबह जब उन्होंने अपने बेटी को अपनी पत्नी के साथ बातचीत करते हुए सुन लिया था। आयुषी को एक दो बार उन्होंने ऋषि के साथ देख लिया था। … Read more

घर की इज्जत – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 48

“पारस, घर की इज्जत के लिए तुझे सुमेधा का हाथ थामना होगा। यह कोई नई बात नहीं है, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही हमारे खानदान की परंपरा है।” पारस के पिता कृष्ण जी ने आदेशात्मक स्वर में उससे कहा। “हां पारस बेटा, इसमें न के लिए कोई स्थान नहीं है। तुझसे पूछा नहीं जा … Read more

दिखावे की जिंदगी – कविता झा ‘अविका’ : Moral Stories in Hindi

New Project 49

सुहानी जब ससुराल आई तो उसे ऐसा लगने लगा था जैसे उसके ससुराल वाले कुछ ज्यादा ही दिखावा करते हैं। कोई मेहमान उनके घर आता तो काजू बादाम के साथ साथ तरह तरह की मिठाईयां और फल उनके आगे परोसे जाते।  उन्होंने सुहानी के आने से कुछ समय पहले ही नया घर बनाया था और … Read more

शादी से ही बचेगी घर की इज्जत – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi

New Project 50

 सूर्यमणि बाबू के पूर्वज जमींदार थे अंग्रेजी सल्तनत के समय।जमींदारी भले ही चली गई थी। किन्तु सम्पन्नता अभी भी बरकरार थी। वे  काफी धन-दौलत और जमीन-जायदाद के मालिक थे।    उनके परिवार में उनकी पत्नी शिवांगी, एक पुत्री और दो पुत्र थे। उनकी पुत्री अनामिका उम्र में सबसे बड़ी थी, जबकि उसके दोनो भाई छोटे थे। … Read more

जो अपने माँ बाप का दिल दुखाता है वो खुद भी कभी खुश नही रह पाता है। – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 55

पकौड़े तलने की खुशबू हवा में घर के आंगन तक फैली हुई थी, छोटी सी रसोई में माया देवी जिसका चेहरा समय और कठिनाइयों से उकेरी गई झुर्रियों का आईना सा था, वो सावधानी से सुनहरे पकौड़ों को एक प्लेट पर रख रही थी । उसकी टेढ़ी-मेढ़ी उंगलियाँ अभ्यास से बड़ी सहजता से चलती थीं, … Read more

तकदीर – शीतल भार्गव : Moral Stories in Hindi

New Project 60

“ झुमकी “ अरे ओ झुमकी कब से आवाज दे रही हूँ तुझे ,किन खयालों में खोई रहती है री तू ,तेरी दादी तुझे कब से ढूँढ़ रही है और तू हे कि यहाँ खेत पर आकर बैठी है । हाँ काकी आती हूँ ….आने का बोल तो दिया लेकिन फिर से वह उदास हो … Read more

वह भी घर की इज्जत है – अर्चना कोहली ‘अर्चि’ : Moral Stories in Hindi

New Project 59

“क्या ब्यूटी है यार। नज़रें ही नहीं हटती। पटाखा है पटाखा।  कितने समय बाद कॉलेज में कोई रौनक आई है। लगता है भगवान ने इसे बड़ी फुरसत में  बनाया है। सच कहते हैं, असली सुंदरता तो गाँव में ही बसती  है। चाहे कुदरत हो या लड़की।” रोहित ने आहें भरते हुए मोहित से कहा। “तू … Read more

आशंका – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

New Project 58

मॉम , पापा अपनी मर्ज़ी हमारे ऊपर क्यों थोपते है? मैं कोई टीनएजर तो नहीं रहा अब ?  नहीं सरल , ऐसा नहीं कहते …. माता-पिता कभी अपने बच्चों का बुरा नहीं सोचते बेटा !  मैं ये नहीं कह रहा कि वो बुरा सोचते हैं पर बड़े होने के बाद बच्चों के साथ कैसा व्यवहार … Read more

error: Content is Copyright protected !!