मेरी गुरूर है मेरी सास!-Mukesh Kumar

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रोजाना की तरह आज भी मैंने बच्चों और पति को नाश्ता दे कर बच्चो को स्कूल और पति को जॉब पर भेज दिया था। उसके बाद मैं कुछ देर अपने बालकनी में थोड़ी देर बैठती थी वहाँ पर ठंडी ठंडी हवा आती थी तो बहुत अच्छा लगता था। बालकनी में बैठे हुए रोजाना में एक … Read more

बहू नहीं बेटी हूँ मै

New Project 97

सलोनी ब्याह करके  अपनी ससुराल पहुंच गई थी.  ससुराल पहुंचते ही अपने मां के दिए हुए संस्कारों के अनुरूप घर के सारे लोगों के छोटे बड़े सारे काम करके उनके दिल में जगह बनाने में जुट गई थी उसकी मां का कहना था कि अगर तुम्हें अपने ससुराल में एक अच्छी बहू बनना है तो … Read more

कब तक चुप रहूँगी-मुकेश कुमार

New Project 97

रोशनी बचपन से ही होनहार थी उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहती थी लेकिन उसके पिताजी के पास इतने पैसे नहीं थे   कि वह बहुत ज्यादा पढ़ाई कर सके।  इसलिए उसकी पढ़ाई 12वीं के बाद ही छूट गई थी और उसके पिताजी ने उसकी शादी एक साधारण कमाने वाले लड़के से कर दी थी। लेकिन … Read more

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