बालभोज – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बालदिवस है कुछ खास करो वरिष्ठ शिक्षक रामप्रसाद जी ने बालदिवस आयोजन की मीटिंग शुरू होते ही उपस्थित छात्र प्रतिनिधियों की तरफ देखते हुए कहा। जी सर … वो …हम लोग भोज का आयोजन करना चाहते हैं जिसे हम बच्चे ही बनाएंगे छात्र प्रतिनिधि रोहित ने जल्दी से अपनी बात रखी। बहुत बढ़िया प्रस्ताव है … Read more

किस्मत वाली – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

सोनम (४४  बर्ष ) बहुत ही अच्छी महिला थी | वह अपना होटल चलाती  थी | बहुत ही कम दाम में खाना खिलाती थी लोगो को  | और रात को १० बजे होटल बंद करती थी | जो कुछ भी खाने  का सामान बच जाता वो पैक कर के  रख लेती | रास्ते में  जो … Read more

मासूम फूलों को संभालिये – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

वो अपनी तकलीफ किसी को नही बताती बस अकेले में घुटती जाती थी। धीरे धीरे उसे खुद से घृणा होने लगी अपने जिस्म पर उसे चींटियां सी रेंगती नजर आती और वो पागलों की तरह स्नानघर में घुसकर नहाने लगती मानो वो चींटियां हटा रही हो। ” क्या बात है तृषा बहुत दिनो में देख … Read more

Top Ten Shorts Story in Hindi – हिन्दी लघुकथा

चयन – लतिका श्रीवास्तव  पापा मेरे दोस्त कह रहे हैं यह साक्षात्कार सिर्फ लेन देन के लिए है मेरे चयन में सबसे बड़ी अड़चन धन की है सभी दोस्तों ने रूपये इकट्ठे कर लिए हैं  इस बार भी मेरा चयन नहीं हो सकता सारी मेहनत बेकार गई मेरी। धवल बेटा सबसे बड़ी अड़चन यही है … Read more

सोने की कानबाली – संजीव कुमार : Moral Stories in Hindi

    बिहार के नालंदा के कचहरी में मुंशी राम अवतार जी आज भी बरसों पुरानी साइकिल  से ही काम पर जाते हैं। पिछले कई सालों से यह उनका रोज का नियम था, वो बड़े ही ईमानदार आदर्शवादी और सिद्धांतवादी व्यक्ति थे। जो तनख्वाह मिलती उसी में गुजर बसर करते ऊपरी आमदनी के नाम पर एक पैसा … Read more

मुझे इस झूठ का कोई मलाल नही – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

एक दिन एक बीमार सी दिखने वाली बुजुर्ग महिला डॉक्टर के पास गई। डॉक्टर ने पूछा क्या तकलीफ है। वो औरत बोली मुझे कोई तकलीफ नहीं है बस मुझे भूलने की दवा चाहिए। मेरा बेटा मुझे छोड़ कर कमाने के लिए कोटा चला गया है, उसकी बहुत याद आती हैं। पहले कभी कभी घर आता … Read more

दो बीघा जमीन – हरी दत्त शर्मा : Moral Stories in Hindi

     “क्या करेगी ताई इतने अनाज का? कहाँ रखती फिरेगी ? कहीं घुन लग गया तो सब बेकार हो जाएगा। ” जगताप अपनी बुढिया ताई को समझा रहा था। “सुबह शाम चार रोटियां ही तो चाहिए तुझे, मेरे घर पर ही खा लिया करना। मैने अपने घर कह दिया है , वो तेरे लिए भी गरम … Read more

किस्मत वाली या बदकिस्मत – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

सब कुछ अपनी बहन पर ही लुटा देना.. हमारे बारे में सोचने की क्या जरूरत है..  जब एक दिन हम सड़क पर आ जाएंगे तब तुम्हें पता चलेगा, क्या ठेका ले रखा है उसकी हर फरमाइश पूरे करने की, भाई हो बाप नहीं, पूरे 14 साल की हो गई है, अरे… अब तो इसकी शादी … Read more

पिया जी मैं तो आपको छोड़कर न जाती – सिन्नी पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

मंजरी का विवाह एक सम्पन्न परिवार में हुआ था,वह बहुत खुश थी। चूंकि वो एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से थी,तो उसके लिए यह शादी किसी सपने के पूरी होने जैसे थी।वो अपने को बहुत किस्मतवाली मानती थी । वह सुबह जल्दी उठने से लेकर घर के सारे कार्यों की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ले चुकी थी। … Read more

एक ही बेटी है। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

सुबह से ही सुधा की मां कांता जी बहुत खुश थी कि आज उनके कलेजे की कौर वापस घर आयेगी, वो सुबह से ही पकवान बनाने में जुटी हुई थी। उसकी पसंद का सारा खाना बना दिया, और पलकें बिछाकर उसका इंतजार करने लगी।  अभी तक भी नहीं आई वो बरामदे में बेचैनी से चहलकदमी … Read more

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