ठंडी छाँव – कमलेश राणा

New Project 89

#मायका  “मायका “शब्द के नाम से ही हर महिला के चेहरे की रौनक ही बदल जाती है।यह वह स्थान है जहाँ जीवन का सब से स्वर्णिम समय गुजरता है।बिल्कुल मस्ती से भरपूर,जिम्मेदारी से मुक्त,सब के स्नेह से सराबोर। शादी के बाद तो इसकी एहमियत और भी बढ़ जाती है।जब भी मायके से बुलावा आता तो … Read more

पिता से मायका सलामत है – संगीता अग्रवाल

New Project 91

#मायका ” बेटा कब तक पहुंच रही है तू ?” तन्वी से उसके पापा महेंद्रनाथ जी ने फोन पर पूछा। ” पापा आधे घंटे में पहुंच जाऊंगी थोड़ा जाम है इसलिए देर हो रही है !” तन्वी बोली। फोन रखकर तन्वी सोचने लगी मां के बिना मायका कैसा होगा। पापा की खुशी के लिए आ … Read more

अजन्मी आकांक्षाबाएँ* – सरला मेहता

New Project 94

मकरंद की पसंद थी मंदा। माँ पापा तो इस सम्बन्ध के पक्ष में ही नहीं थे। वे चाहते थे कि इकलौते बेटे के लिए बहू के परिवार की पूरी जानकारी हो। चाहे विजातीय हो किन्तु पत्रिका का मिलान ज़रूरी। मकरंद ने ऐलान ही कर दिया था कि ब्याह करेगा तो मंदा से वरना कुँवारा ही … Read more

वर्चुअल मायका – ज्योति अप्रतिम

स्निग्धा ,मेरी बात सुन ,दो दिन से देख रही हूँ ।दादी बहुत उदास हैं पता नहीं क्या बात है? हाँ ,सही कह रही हो ।मैंने भी देखा कल   चुप चाप  अपने कमरे में बैठी आँखें पोंछ रही थी। सुविधा ने अपनी बहन की बात का समर्थन करते हुए कहा। चलो, मम्मी से पूछते हैं … Read more

अजीब दास्तां है ये – सुधा जैन

New Project 95

कादंबरी,… हां यही नाम था उसका जितना सुंदर नाम उतनी ही सुंदर थी वह… बड़ी बड़ी आंखें गोल चेहरा.. लंबे लंबे बाल बहुत ही आकर्षक… सुंदर …जितनी सुंदर उतना ही सुंदर गायन… जो भी उसे देखता … देखता ही रह जाता। महाराष्ट्र के नागपुर में जन्मी अपने  मम्मी पापा की छोटी लाडली बिटिया … बचपन … Read more

स्कूल – रश्मि स्थापक

“अरे! चंदू की दुकान खुल गई।” जय मन ही मन बुदबुदाया। घर के बिल्कुल सामने जूते-चप्पल सुधारने की छोटी सी गुमटी जिसे चंदू ने अपनी मेहनत से धीरे-धीरे कर खरीद भी ली थी जिसमें वह सुधारने के साथ ही साथ वह कुछ जूते बना भी लेता था। बीस साल से घर के सामने दुकान होने … Read more

“उलझन,” – मिनाक्षी राय 

लता आज बहुत परेशान थी उसकी उदासी और परेशानी उसके चेहरे पर साफ झलक रही थी l लता आज इस बात से परेशान थी, कि क्या इस बदलते माहौल में संयुक्त परिवार का एक साथ रहना कोई गुनाह है क्या?? आज लता अपने लिए जब नए घर के मालिक से मिलने गई तो उसका पहला … Read more

गोश्त और रोटी – रचना कंडवाल

उसने दाम चुकाया था, एक लाख रुपए। वो लड़की केवल सत्रह साल की थी। सुंदर, दुबली पतली, चेहरे पर उदासी उसकी खुद की बेटी से एक साल छोटी। उसके पास पैसा था और कुछ था तो रूखी बीवी की बेरुखी। इसने औरत के प्रति उसके मन में बेहद नफरत भर दी थी। उसका बदला उसने … Read more

वो “अपनी” सी – तृप्ति शर्मा

लिफ्ट की तरफ जाते हुए ,उससे लगभग टकराने से बची थी मैं, बचाने के लिए अपना हाथ दिया उसने, परिचित सा वो अहसास ,,जिसे सालों से जीने के लिए बहुत जतन किए थे मैंने। वही चेहरा,वैसी ही बड़ी बड़ी आंखें, जिंदगी जीने की चाहत लिए । आप ठीक तो है उसकी आवाज सुनी तो दबे … Read more

मैं तुम्हारी बुआ तो हूँ ही आज से माँ भी हूँ- अनुपमा

New Project 95

सभी लोग बहुत खुश है ,चारों तरफ हसी खुशी का माहौल है ,खाने की खुशबू फिज़ा मैं फैली है ,चारों तरफ जोर शोर से तैयारियां चल रही है , हर कोई व्यस्त है । निधि बेसब्री से इंतजार कर रही है आज कानपुर से उसके मायके से पूरा परिवार आ रहा है । उसके दोनो … Read more

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