बोलती गुड़िया (भाग 1) – आशा सारस्वत

   जिस दिन मैंने पहली पहली बार शीतल को देखा, उसे देख कर मन वात्सल्य भाव से भर गया। वह पहला दिन, मेरी शादी के बाद ससुराल का था ।मैंने जैसे ही अपनी ससुराल में उसे देखा तो प्यार करने के लिए अपनी गोद में ले लिया और वह भी ऐसे लिपट गई जैसे उसका मेरा … Read more

मायका दूर है – रीमा ठाकुर

New Project 83

विवाह के बाद पहली बार  छवि को लेने बडे भैया “ आये थे नई नवेली छवि सिर पर पल्लू डाले बडे भाई के सामने सकुचा रही थी!  पति आकाश के आते ही, वो पानी का गिलास थामे उसकी ओर बढ गयी! छवि की आहट वैसे भी आकाश पहचान लेता था!  छवि चुपचाप आकाश पीछे जाकर … Read more

प्यार का इज़हार – रीटा मक्कड़

काश कोई एक गुलाब हमे भी दे जाता..!!! काश कभी हमारा दिल रखने के लिए ही सही अपने घुटनों पर  बैठकर गुलाब के साथ प्यार का इजहार भी कर देता। पर हर किसी के नसीब में ये सब नही होता ना। बचपन से लेकर शादी होने तक नीरजा ने मन मे बस एक ही सपना … Read more

मायका–बेटियों का टूरिस्ट प्लेस – वीणा

शाम की नीरवता वातावरण में छाई हुई थी,बालकनी में बैठी स्वाति की आँखों के कोर गीले थे। वह उन दिनों को याद कर रही थी जब उसकी नई नई शादी हुई थी। बनारसी साड़ी का बड़ा शौक था उसे, पर ससुराल वालों ने भी शादी के मौके पर एक सादी सी साड़ी दे दी थी, … Read more

हमारी अनोखी मित्रता – पायल माहेश्वरी

New Project 84

#मायका हर साल जब मायके जाने की आती हैं बारी मन में खिल जाती नवीन खुशियों की फुलवारी !! मायके का लगाव उम्र के किसी भी पड़ाव पर कम नहीं होता हैं और  बचपन की अनगिनत अच्छी बुरी यादें मायके में जाकर फिर जीवन्त हो उठती हैं।    इस साल भी जब मायके जाने की बारी … Read more

मायका – अनामिका मिश्रा

#मायका मधु दो वर्षों से मायके नहीं जा सकी थी। इस बार उसने सोचा कि वो मायके जरूर जाएगी। उसकी मां ने फोन में कहा, “इस बार तो तू आ रही है न! “ मधु ने कहा,”मैं जरूर आऊंगी, पिछले साल मां जी की तबीयत खराब थी,और उसके पिछले साल  दोनों दीदी आ गईं थीं, … Read more

मायके जैसा ससुराल – नील सिंघल

अमन बहुत खुश था आज फिर प्रीति ने मायके जाने का नाम लिया था, प्रीति के मायके जाने के नाम पर अमन हमेशा खुशी से नाचता था क्यूंकि वो खुद हर बार साथ जाता और मन मर्जी मेहमान नवाजी करवाता था,  प्रीति की अपनी माँ से बात करने की इच्छा मन मे रह जाती थी … Read more

बिन मैहर मोहे ठौर नहीं – सरला मेहता

New Project 86

#मायका चन्दन सेठजी व माधुरी की सर्वगुण सम्पन्न बेटी सुष्मिता की अपने घर में खूब चलती है। चले भी क्यूँ ना, छोटा भाई श्रवण ठहरा सीधा सा व शांत प्रकृति वाला। कोई भी उसे बुद्धू बना सकता है।  लोगों ने दबी ज़ुबान में उसे गोबर गणेश ही नाम दे दिया। सेठ जी अक्सर सेठानी को … Read more

 अपनापन – रणजीत सिंह भाटिया

#मायका  अमेरिका आए 33 वर्ष गुजर गए समय कैसे पंख लगाकर उड़ गया पता ही नहीं चला l       आज भी वह दिन याद है,जब अपनी पत्नी किरण और अपनी तीन बेटियों को साथ लेकर अपने सास और ससुर जी के साथ यहां आया था l हमारे विज़ा और टिकटों का सारा खर्चा उन्होंने ही उठाया … Read more

डाइनिंग टेबल – कंचन श्रीवास्तव

डाइनिंग टेबल पर एक साथ खाना खाने के लिए बैठे सबको  देख रेखा की आंखें झलक आई जिसे सिर्फ सामने बैठे सुनील ने देखा। पर चुप रहे क्योंकि बात सिर्फ उसके और उसके पत्नी के बीच की थी इसलिए सबके जाने और उसके बेड पर आने का इंतजार किया। आते ही एक नज़र उस पर … Read more

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