उपहार- मनवीन कौर
शांता बाई मेरे आने से पहले ही ऑफ़िस झाड़ पोंछ कर तैयार रखती थी ।सुगंधित ताजे फूलों का गुलदस्ता मेरा स्वागत करता नज़र आता। मेरे आते ही अभिवादन कर अलमारी से फ़ाइल निकाल कर मेज़ पर रख देती थी ।कोई काम कहो ,”जी मेडम ,”कह कर तुरंत काम में लग जाती । बड़ी प्यारी बच्ची … Read more