स्वार्थी – अनुज सारस्वत

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******** “चल बेटा तैयार हूं मैं, गंगा मैया की बड़ी कृपा है ,बुला ही लेती हैं ,और देखो तेरी पोस्टिंग भी अपने किनारे करवा ली ,यह संयोग नही है” बाईक पर बैठते हुए जयंत की माँ ने कहा “अरे मम्मी आप मेरे साथ ही रहा करो कितनी बार कहा है ,लेकिन आपको वही पुराना घर … Read more

 नयी सुबह – नीरजा रजनीश जायसवाल

New Project 43

नींद सुनन्दा की आंखो से कोसों दूर थी ।पलंग पर करवटे बदलते हुए अपने कानों में गूंजती स्निग्धा की आवाज़ उसे बार बार आहत कर रही थी “मम्मा अगर आज पापा होते तो भी क्या मेरी यही हालत होती? “ बिटिया का ये सवाल उसे बार बार ग्लानि का अनुभव करा रहा था विगत चार … Read more

स्वयं सिद्धा.(भाग 2) –  प्रीती सक्सेना

 भाग 1   समर,,,, आज मैं,, मेरा अस्तित्व,, तुमसे पूरी तरह जुदा हो गए, तुम्हारा नाम,, मेरे नाम के साथ जुड़ा हुआ नहीं रहा,, मैने तुम्हें और तुम्हारी यादों को मलिन कपड़ों की भांति,, अपने बदन से उतारकर,, दूर फेंक दिया,, अब मैं अपने को बहुत हल्का महसूस कर रही हूं। आज संडे है,, काफी दिन … Read more

फीस – रीता मिश्रा तिवारी

New Project 42

**** आज स्कूल गई और जब अपने क्लास में गई तो सौम्या नज़र आई । वो पढाई में बहुत ही होनहार और साथ ही नृत्य और टेनिस में भी बहुत अच्छी छात्रा है।  परीक्षा के दौरान वो बीच में ही परीक्षा छोड़ गायब हो गई। मुझे थोड़ी चिंता भी हुई की ऐसी क्या बात हो … Read more

मायके का विकल्प – डा. पारुल अग्रवाल

#मायका-  नीरू और उसके बच्चों की गर्मी की छुट्टियां शुरू होने वाली थी, उसकी सारी दोस्तों और बच्चों के भी दोस्तों ने नानी के घर जाने के लिए टिकट करा लिए थे। पर नीरू के लिए ये समय हर साल बहुत कसक वाला होता था । बच्चें भी उससे पूछते कि सब लोग अपने नाना-नानी … Read more

जीरो साइज़ –  के कामेश्वरी

New Project 99

मानवी रोते हुए घर के अंदर आती है और अपने कमरे में जाकर दरवाज़ा बंद कर लेती है । मानवी की माँ सरस्वती रसोई में खाना बनाने में व्यस्त थीं उन्हें मालूम ही नहीं चला कि मानवी कब घर आ गई है ।दोपहर हो गई और मानवी का कहीं पता नहीं था । उसको फ़ोन … Read more

ईमान – उषा गुप्ता

“भैया,रिक्शा जरा जल्दी चलाओ ना !” मिसेज गोस्वामी उतावली हो रही थी अपने बेटे और पोते को देखने के लिए। ” अरे भागवान ,रिक्शा ही तो है हवाई जहाज नहीं …बस पहुंचने ही वाले हैं।” मिस्टर गोस्वामी ने दिलासा देते हुए कहा। जैसे ही रिक्शा बड़ी सी कोठी के गेट पर रुका ,दोनों ने फटाफट … Read more

लकीर के फकीर  –  डॉ अंजना गर्ग

“अन्नू तुम घर में बैठी हो, क्या नमानी एकादशी के नाम का शरबत गरीबों को पिला आयी या अभी जायेगी ?” संतोष ने अन्नू के घर में घुसते ही अन्नू पर कई प्रश्न दाग दिए। ” नहीं , पर आज ही क्यों संतोष ? अन्नू ने सहज भाव में पूछा। ”  आज के दिन का … Read more

विक्रम- बेताल (भाग 1) – साधना मिश्रा समिश्रा

सरसराती हवा, अमावस्या की रात, जंगल से उठती सांय-सांय की आवाज… कभी कोई  वानर कूद जाता पेड़ की डगाल से सोते-सोते तो ऐसा लगता कि तूफान ही आ गया है । लेकिन विक्रम तो ठहरा हठयोगी, निर्विकार,  निर्विचार…पर निर्विचार तो कोई भी नहीं होता है। हाँ…यह सत्य है कि निर्विचार तो कोई नहीं होता है…कोई … Read more

आत्म विवाह (self marriage) – गरिमा जैन

मांग में सिंदूर ,हनीमून का पैकेज, मेहंदी, हल्दी ,सारी रस्में! पर साथ कोई भी नहीं !हमसफर कोई नहीं!.आज अखबार में जब पढ़ा कि गुजरात की एक 24 वर्षीय लड़की ने आत्म  विवाह यानी खुद से शादी करने का फैसला किया है तो मन बहुत कुछ सोचने पर मजबूर हो गया । ऐसा विवाह भारत के … Read more

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