बहू नहीं बेटी हूँ मै

सलोनी ब्याह करके  अपनी ससुराल पहुंच गई थी.  ससुराल पहुंचते ही अपने मां के दिए हुए संस्कारों के अनुरूप घर के सारे लोगों के छोटे बड़े सारे काम करके उनके दिल में जगह बनाने में जुट गई थी उसकी मां का कहना था कि अगर तुम्हें अपने ससुराल में एक अच्छी बहू बनना है तो … Read more

कब तक चुप रहूँगी-मुकेश कुमार

रोशनी बचपन से ही होनहार थी उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहती थी लेकिन उसके पिताजी के पास इतने पैसे नहीं थे   कि वह बहुत ज्यादा पढ़ाई कर सके।  इसलिए उसकी पढ़ाई 12वीं के बाद ही छूट गई थी और उसके पिताजी ने उसकी शादी एक साधारण कमाने वाले लड़के से कर दी थी। लेकिन … Read more

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