हाय मेरा चश्मा – सुषमा यादव

,,एक दिन की बात बताऊं,, सच्चा सच्चा हाल सुनाऊं,,, छोटी बेटी डाक्टरनी  साहिबा का दिल लंदन पर आ गया था,,सो अब उन्होंने लंदन हास्पिटल से फेलोशिप करने की‌ ठानी  ,,कई परीक्षायें पास किया,पर इस मनहूस करोना ने सब उम्मीदों पर पानी फेर दिया,लाक डाउन में दो साल चले गए,, अब जाकर लंदन वालों को होश … Read more

छुवन – सत्यवती मौर्य

मैथिली नदी किनारे बैठी शुतल जल में पैर डाले बैठी थी।जल की शीतलता उसके मन में उठी उद्विग्नता को मरहम जैसे लेप लगा रही थी। अनेकानेक प्रश्न उठे मन में कि अचानक राघव ने उससे किनारा क्यों कर लिया?पर प्रश्न दिल से उठ कर दिमाग़ में जमे रहे।यह भी पता था कि उत्तर उसे शायद … Read more

आधुनिक बहू – कंचन श्रीवास्तव

हर घर की राम कहानी सुन सुन के रेखा का जी बैठा जा रहा ,सजाने भगवान कैसा जमाना आ गया कोई किसी से परेशान कोई किसी से,पर इस डर से बच्चे कुंआरे बैठे रहेंगे, और फिर कब तक एक दिन तो करना ही पड़ेगा ,अब वो अच्छी आए चाहे बुरी, जो भी है कलेजा मजबूत … Read more

कोढ़ – रीता मिश्रा तिवारी

“दीदी ओ दीदी तनी बाहर आबो ने। कौन है? हाथ पोंछती निम्मी किचन से बाहर आ कर देखती है, एक भिखारिन जैसी औरत बैठी है। जगह जगह से फटी साड़ी से झांकता उसका शरीर । वो बहुत कमजोर दिख रही थी। मुझे घूरते देख सहम गई और अपने हाथ छुपा लिए। मैंने पुछा क्या है? … Read more

अनजान रिश्ता – नीलिमा सिंघल

राजुल ने बताना शुरू किया “वो एक ऐसी अनाथ है जिसके माता-पिता ने खुद उसको पालनाघर नाम के अनाथ आश्रम में छोड़ा, उसका नाम राजुल उसी अनाथ आश्रम की संचालिका ने रखा था, बचपन मे एक जोड़ा उससे मिलने आता था उसके लिए खिलौने लेकर आते थे साथ घुमाने की फ़रियाद लेकर आते थे पर, … Read more

बेरोजगारी – माता प्रसाद दुबे

बेकारी की दौड़ में जीत हासिल करना आसान नहीं होता। ना जाने कितने लोगों का पूरा जीवन इस दौड़ को पूरा करने में समाप्त हो जाता है। रविवार का दिन था,रेलवे स्टेशन की बेंच पर बैठा हुआ प्रकाश हजारों की संख्या में रेलवे की भर्ती की परीक्षा देने आए नौजवानों की भीड़ देखकर वह चिंता … Read more

बंधन – गुरविन्दर टूटेजा

 अनुज नाम था उसका….मेरे आफिस में थर्ड ग्रेड वर्कर था….मेरा तबादला अभी यहाँ हुआ था आफिसर की पोस्ट पर मैने तीन चार दिन पहले ही जाईन करा था….!!! अनुज बहुत मेहनती व समझदार था मुझे तो दीदी ही बोलता था पर एक दिन मेरे जूनियर प्रशांत ने उसे डाँटते हु़ये बोला कि वो मेडम है….तो … Read more

परख – नीलिमा सिंघल

उपासना जी भरे पूरे घर की सहृदय मालकिन थी 35 बसंत साथ देख चुके थे उपासना जी और उनके पति महेश जी, दोनों के एक पुत्र और दो पुत्रियाँ थी सभी जिम्मेदारी निभा चुके थे दोनों, अपने जीवन के अगले पड़ाव के बारे मे सोचना शुरू ही किया था कि एक रात हृदयाघात से महेश … Read more

कैमरा – सुधा जैन

8 वर्षीय छोटू गरीब बस्ती में रहने वाला प्यारा सा बच्चा है। उसके पापा कबाड़ खरीदते हैं, और बेचते हैं । एक दिन कबाड़ में उन्हें कैमरा मिलता है ।छोटू उस कैमरे को देख कर बहुत खुश होता है ,और सोचता है ,इससे अच्छे-अच्छे फोटो निकलेगें। उसे मन ही मन बड़ी खुशी मिलती है। शाम … Read more

फूलों का तारों का सबका कहना है, कई हजारों में मेरी बहना है – सुधा जैन

#बड़ी_बहन मैं हेमंत अपनी बड़ी बहन सुधा दीदीके लिए कुछ लिखूं …. ऐसी मेरी सामर्थ नहीं है ।पर जब बात “बड़ी बहन मां के समान होती है” विषय पर लिखने की है तो मेरी कलम बहुत कुछ लिखना चाहती है… अपने दिल की बात आप सबको बताना चाहती है….। मेरी बड़ी बहन मुझ से 3 … Read more

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