समझदार हो गए हैं, मेरे बच्चे……. – डॉ.विभा कुमरिया शर्मा। : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T211239.414

इतनी लाल आंखें ?बेटा क्या हो गया सुबह- सुबह ? मम्मी मैंने आपकी टिकट कैंसिल करवा दी, कहते – कहते ही उसके गाल मोटे- मोटे आंसुओं से भर गए । मेरी टिकट कैंसिल करवा दी , क्यों ? मैंने उससे पूछा। मुझसे पूछे बगैर कैंसिल करवा दी क्यों ? वह बिफर गई और बोली वह … Read more

खरी-खोटी सुनाना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

New Project 6

विमलाजी के  दिल में पश्चाताप के  बादल  हमेशा  उमड़ते-घुमड़ते रहते।जो व्यक्ति इस संसार में नहीं है ,उससे माफी भी तो नहीं माँगी जा सकती है। आजकल उन्हें नींद भी बहुत कम आती है।बेचैनी में उठकर कुछ देर बिस्तर पर खामोश बैठी रहतीं हैं ,फिर  कुछ देर बाद उठकर चाय   बनाने लगती हैं। बर्त्तन की … Read more

सम्मान – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

New Project 86

आज कॉलेज में मेरा पहला दिन हैं । छात्र के तौर पे नहीं , विश्वविद्यालय में हिस्ट्री के अतिथि शिक्षक के तौर पे ।बहुत हाथ पैर मारने के बाद ये नौकरी मिली है । कहते है ना कि “ कुछ ना होने से , कुछ होना ही बेहतर है “। शिक्षक के रूप में अपने … Read more

* एक झटका * – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

New Project 98

मिस्टर आर्यन और उनकी पत्नी विनायक सोसाइटी के दूसरी मंजिल पर एक प्लेट में रहते थे। वह तीन मंजिला मल्टी थी, और कुल २४ फ्लैट थे। मल्टी के बाहर काफी खुली जगह थी।उसके चारो तरफ रंग- बिरंगे फूलो की क्यारियॉं थी, ऊपर शैड डला हुआ था। सोसाइटी में प्राय: सभी लोग मध्यमवर्गीय परिवार के थे, … Read more

अम्माजी , आंखें खोलो बस…….। – डॉ. विभा कुमरिया शर्मा : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T215107.227

तू क्या जाने हम तो राजा – महाराजा के बच्चे हैं ,जो राजपाट और शान -शौकत हमने अपने मायके में देखी है ना वह ससुराल में और तुम्हारे पापा से नहीं मिली , कुछ ना ही कहूं तो अच्छा है।‌ अरे कहां कर सकते थे हमारा मुकाबला यह लोग ? अम्माजी ससुराल वालों को और … Read more

गर्दन ऐंठी रहना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

New Project 59

प्राचीनकाल  में  घने जंगल में एक कुआँ था।उसमें बहुत सारे मेंढ़क अपने-अपने परिवार के साथ रहते थे।बस कुआँ भर ही उनकी दुनियाँ थी।उनमें से एक मेढ़क काफी मोटा-ताजा था।साथ में उसकी पत्नी और तीन बच्चे भी थे।कुआँ के सभी मेंढ़कों से मोटा होने के कारण वह मेंढ़क खुद को दुनियाँ का सबसे शक्तिशाली जीव समझता … Read more

सबका समय आता है.. – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

New Project 43

“अजी सच में गौरव भैया का प्रमोशन हो गया… कल तक तुम्हारे बराबर थे आज देखो तुम्हारे बॉस बन कर आए हैं…पहले भी ऐसालगता था मानो कितने बड़े ओहदे पर हो हमेशा गर्दन ऐंठी रखते थे ….अब तो वो क्या उसकी बीबी तनु भी गर्दन ऐंठ कर रहेगी।” निशिताने पति रितेश से कहा  “ हाँ … Read more

नाम डुबोना – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

New Project 99

जोया और अर्सलान के निकाह को हुए कुछ ही समय हुआ था । लेकिन अर्सलान का देर से आना ,जोया को समय ना देना । ये सब बाते जोया को मजीद तकलीफ़ देने लगी । एक दिन जोया ने पूछ ही लिया । क्या बात हैं अर्सलान ?? तुम मुझसे इतने खिचे-खिचे क्यों रहते हो … Read more

* बुढ़ापे में मिला झटका * – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

New Project 87

  सेठ ताराचंद किराना के व्यापारी थे। छोटा सा गाँव था,और छोटी सी दुकान थी उनकी। ईमानदारी से दुकान चलाते थे और इज्जत से रहते थे। तीन बेटे थे उनके, दुलीचंद,माखन और सेवा राम। गाँव में सिर्फ आठवीं तक का स्कूल था, आगे की पढ़ाई के लिए शहर जाना पड़ता था। दुलीचंद और माखन ने आठवीं … Read more

नाम डुबोना – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

New Project 44

सुना आपने, आपकी बड़ी बहुरिया क्या गुल खिला रही है आजकल। इस कुलक्षिनी ने तो हमारा नाम डुबोने की कसम ले रखी है….. ललिता अपने पति सोमेश जी से बोल रही थी। क्यों अब क्या कर दिया उस बेचारी ने…तुम्ही तो उसका जीना हराम किये देती हो। बड़ी दीदी ने आज छोटे तालाब के पास … Read more

error: Content is Copyright protected !!