अब और कितने पश्चाताप…! – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi
Moral Stories in Hindi : रेलवे स्टेशन में अंधेरा पसर चुका था। बहुत रात हो चुकी थी। ट्रेन अपनी समय से एक घंटे देर थी। जब तक मैं स्टेशन पहुंचा तब तक वहां सन्नाटा व्याप्त हो चुका था। ठंडी की मौसम शुरू हो चुकी थी। कोहरे की पतली चादर वातावरण में विराजमान थी। हाथ पैरों … Read more